केंद्र सरकार ने निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (RTE) नियम, 2010 में बड़ा संशोधन किया है। इसके तहत 'नो डिटेंशन पॉलिसी' को खत्म कर दिया गया है। अब 5वीं और 8वीं की वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को पास नहीं किया जाएगा।
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (RTE) नियम, 2010 में बड़ा संशोधन किया है। इसके तहत ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ को खत्म कर दिया गया है। अब 5वीं और 8वीं की वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को पास नहीं किया जाएगा। हालांकि, फेल हुए छात्रों को दो महीने के भीतर दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा। अगर वे दूसरी बार फेल होते हैं तो उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा। हालांकि, 8वीं कक्षा तक किसी भी छात्र को स्कूल से निकालने की इजाजत नहीं होगी।
सरकार का मानना है कि इस नई नीति का उद्देश्य छात्रों की सीखने की क्षमता में सुधार लाना और एकेडमिक परफॉर्मेंस को बेहतर बनाना है। छात्रों के एकेडमिक परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने के उद्देश्य से मंत्रालय ने ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ को खत्म करने का फैसला किया है। यह नीति काफी समय से चर्चा में थी, लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत कक्षा 5 और 8 में वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को फेल ही माना जाएगा। परीक्षा में फेल छात्रों को प्रमोट कर आगे की क्लास में नहीं भेजा जाएगा।
The Union Education Ministry has taken a big decision and abolished the ‘No Detention Policy’.
Students who fail the annual examination in classes 5 and 8 will be failed. Failed students will have a chance to retake the test within two months, but if they fail again, they will… pic.twitter.com/MK8MC1iJ0a
— DD News (@DDNewslive) December 23, 2024
इस नई व्यवस्था के अनुसार फेल होने वाले छात्रों को दो महीने के भीतर दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा, लेकिन अगर छात्र दोबारा फेल होते हैं तो उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा। हालांकि सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि कक्षा 8 तक किसी भी छात्र को स्कूल से नहीं निकाला जाएगा।
शिक्षा मंत्रालय के सचिव संजय कुमार ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई के रिजल्ट को बेहतर बनाने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है। उनका कहना है कि बच्चों की सीखने की क्षमता में गिरावट को रोकने के लिए यह कदम जरूरी समझा गया। मंत्रालय ने खास तौर पर कक्षा 5 और 8 पर ध्यान केंद्रित किया है, क्योंकि ये कक्षाएं बुनियादी शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। इस नई नीति के साथ छात्रों और शिक्षकों दोनों को पढ़ाई के प्रति अधिक जिम्मेदार बनाने की कोशिश की गई है।
यह भी पढ़ें :-
2050 तक इस धर्म में सबसे ज्यादा लोग करेंगे धर्मांतरण, तेजी से बढ़ रही जनसंख्या
इन मुस्लिम देशों ने पाकिस्तान को वीजा देने से किया इनकार, पड़ोसी मुल्क की फजीहत