कामधेनु गाय, जिसे इच्छापूर्ति गाय के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संस्कृति और वास्तुशास्त्र में विशेष महत्व रखती है। मान्यता है कि इस दिव्य गाय की उपस्थिति घर में सुख, शांति और समृद्धि लाती है।
नई दिल्ली: कामधेनु गाय, जिसे इच्छापूर्ति गाय के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संस्कृति और वास्तुशास्त्र में विशेष महत्व रखती है। मान्यता है कि इस दिव्य गाय की उपस्थिति घर में सुख, शांति और समृद्धि लाती है। कामधेनु गाय का उल्लेख प्राचीन हिंदू ग्रंथों में मिलता है, जिसमें इसे सभी इच्छाओं को पूर्ण करने वाली गाय के रूप में वर्णित किया गया है।
1. सुख-शांति का वास: वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में कामधेनु गाय की मूर्ति रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह परिवार में आपसी प्रेम और सौहार्द बनाए रखने में मदद करती है।
2. धन-संपत्ति में वृद्धि: कामधेनु गाय को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इसे घर में रखने से आर्थिक समृद्धि और वित्तीय स्थिरता में वृद्धि होती है।
3. नकारात्मक ऊर्जा का नाश: इस मूर्ति को घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा और वास्तुदोष समाप्त होते हैं। यह घर को बुरी शक्तियों और बुरी नजर से भी बचाती है।
4. विद्या और ज्ञान का विकास: कामधेनु गाय की मूर्ति विद्यार्थियों और ज्ञान की तलाश करने वालों के लिए विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती है। इसे घर के अध्ययन कक्ष में रखने से विद्या और बुद्धिमत्ता का विकास होता है।
कामधेनु गाय की मूर्ति को घर के उत्तर-पूर्व दिशा में रखना सबसे शुभ माना जाता है। यह दिशा ज्ञान और सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र होती है। मूर्ति को साफ और स्वच्छ स्थान पर रखें और नियमित रूप से इसकी पूजा करें। इसे चांदी, पीतल या संगमरमर की सामग्री से बनी मूर्ति के रूप में रखना बेहतर होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, कामधेनु गाय समुद्र मंथन के दौरान उत्पन्न हुई थी और इसे ऋषियों और देवताओं के लिए आशीर्वादस्वरूप माना जाता है। इसलिए, इसकी पूजा से न केवल भौतिक सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है बल्कि आध्यात्मिक शांति भी मिलती है।
– कामधेनु गाय की मूर्ति को कभी भी जमीन पर न रखें।
– इसकी पूजा श्रद्धा और विश्वास के साथ करें।
– इसे ऐसे स्थान पर रखें जहां परिवार के सभी सदस्य इसे देख सकें।
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