बाबा साहेब अंबेडकर को लेकर चल रहे विवाद के बीच आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक नया AI-जनरेटेड वीडियो जारी किया था, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बन गया. 15 सेकेंड के इस वीडियो में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एआई जनित डॉ. भीमराव अंबेडकर इंडिया गेट के पास आमने-सामने खड़े नजर आ रहे हैं.
नई दिल्ली: बाबा साहेब अंबेडकर को लेकर चल रहे विवाद के बीच आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक नया AI-जनरेटेड वीडियो जारी किया था, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बन गया. 15 सेकेंड के इस वीडियो में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और एआई जनित डॉ. भीमराव अंबेडकर इंडिया गेट के पास आमने-सामने खड़े नजर आ रहे हैं. वहीं वीडियो के बैकग्राउंड में केजरीवाल की आवाज सुनाई दे रही है, जिसमें वह कह रहे हैं- “मुझे शक्ति दो बाबा साहेब, ताकि मैं आपका और आपके संविधान का अपमान करने वालों से लड़ सकूं।” वीडियो में बाबा साहब को केजरीवाल का सिर सहलाते हुए दिखाया गया है.
इस वीडियो के जवाब में एक AI द्वारा बनाए गए मूल वीडियो को एडिट करके एक विवादित वीडियो बनाया गया है. वीडियो के संपादित संस्करण में अंबेडकर को केजरीवाल को थप्पड़ मारते हुए दिखाया गया है। ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. मीडिया विशेषज्ञों और एआई विशेषज्ञों ने इस घटना को गंभीर बताया और कहा कि यह घटना बताती है कि एआई का इस्तेमाल झूठी कहानियां बनाने और सामाजिक सद्भाव को प्रभावित करने के लिए किया जा सकता है।
बाबा साहब के सपनों का भारत बना रहे हैं केजरीवाल 🙏🇮🇳
अब दलित समाज से आने वाले बच्चों की विदेश में पढ़ाई का पूरा खर्च उठाएगी AAP सरकार‼️#KejriwalKiAmbedkarScholarship pic.twitter.com/r1dw8nhJCT
— AAP (@AamAadmiParty) December 21, 2024
ऐसे उपकरणों का दुरुपयोग लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरा बन सकता है। यह घटना बताती है कि AI तकनीक जितनी उपयोगी है, उतनी ही खतरनाक भी हो सकती है। इसे नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जाने चाहिए…
. सख्त कानून और नियम: सरकार को एआई के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त नियम बनाने चाहिए।
. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी: सोशल मीडिया कंपनियों को ऐसे फर्जी कंटेंट को रोकने के लिए उन्नत तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए।
.जनता के बीच जागरूकता: लोगों को शिक्षित करना महत्वपूर्ण है ताकि वे नकली और वास्तविक सामग्री के बीच अंतर कर सकें।
डॉ. अम्बेडकर का नाम और छवि भारतीय संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों से जुड़ी हुई है। इस घटना ने न सिर्फ एक राजनेता बल्कि संविधान और भारतीय समाज के मूल्यों पर भी असर डाला है.
Baba saheb ko bhi pata hai drama baaz unka naam istemal karke bhekoof bana raha hai pic.twitter.com/D3HaW5kGoa
— 🇮🇳 𝓐 𝓙 ☀️ (@warrior_soul13) December 21, 2024
एआई के सही उपयोग और दुरुपयोग के बीच की रेखा बेहद पतली है और इसे नियंत्रित करना समय की मांग है। इस घटना से सीख लेते हुए सरकार, प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों और समाज को मिलकर काम करना होगा ताकि एआई का उपयोग सकारात्मक उद्देश्यों के लिए किया जा सके और गलत सूचनाओं के प्रसार को रोका जा सके।
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