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12 साल बाद फिर निर्भयाकांड, लड़की के प्राइवेट पार्ट में डाला रॉड, जब तक हवस नहीं मिटी करते रहे दुष्कर्म

गुजरात के भरूच से निर्भया रेप केस जैसा ही एक और मामला सामने आया है। आरोपियों ने 10 साल की बच्ची से रेप किया और उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दी। बच्ची अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है।

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Jharkhand Crime
  • December 21, 2024 11:05 am Asia/KolkataIST, Updated 6 hours ago

नई दिल्लीः निर्भया कांड के 12 साल बाद भी महिलाओं पर हो रहे अपराधों में कोई कमी नहीं आई है। ऐसी ही एक इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक घटना गुजरात के जुकानिया में हुई। एक महीने पहले आरोपी विजय पासवान ने मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था। बदनामी के डर से परिजनों ने शिकायत दर्ज नहीं कराई थी। मामला यहीं खत्म नहीं हुआ, करीब एक महीने बाद उसी आरोपी ने फिर उसी मासूम बच्ची के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं।

प्राइवेट पार्ट में डाली रॉड

जांच में पता चला कि पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में रॉड डाली गई है। अब मासूम बच्ची जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है। आरोपी का नाम विजय पासवान है। उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी विजय ने भरूच के झगड़ा में प्रवासी मजदूर परिवार की 10 साल की बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस दौरान आरोपी ने 10 साल की बच्ची के प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड जैसी कोई चीज डालकर उसे गंभीर चोटें पहुंचाई हैं।

बच्ची की हालत गंभीर 

अभी बच्ची की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। दो ऑपरेशन के बाद भी उसकी तबीयत स्थिर नहीं हो रही है। पीड़िता के पेट पर लगे एक टांके टूट गए हैं, जिससे शरीर में संक्रमण फैल गया है। पीड़िता का फिलहाल वडोदरा के सयाजी अस्पताल में 10 डॉक्टरों की निगरानी में इलाज चल रहा है। इससे पहले पीड़िता का भरूच सिविल में इलाज चल रहा था। ऑपरेशन के बाद भी हालत स्थिर न होने पर पीड़िता को वडोदरा रेफर कर दिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी और पीड़िता दोनों ही मूल रूप से झारखंड के रहने वाले हैं।

झारखंड सरकार ने की मदद की घोषणा

आपको बता दें कि घटना को लेकर झारखंड सरकार की टीम वडोदरा पहुंची थी, जिसमें झारखंड सरकार की मंत्री दीपिका पांडे सिंह सयाजी अस्पताल पहुंचीं। पूरे मामले में झारखंड सरकार ने पीड़िता को 4 लाख का चेक और तत्काल इलाज के लिए 50 हजार का चेक दिया। साथ ही दीपिका पांडे सिंह ने कहा, ”अगर बच्चे को आगे इलाज की जरूरत पड़ती है तो झारखंड सरकार पीड़िता को एयरलिफ्ट करने के लिए भी तैयार है।”

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