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बिहारी बेटे की दहाड़ सुन कांप गया पाकिस्तान; शरीफ को दिखा दी औकात, बोला- जितना तुम्हारे पास है, उतना हम छोड़कर आए

पाकिस्तान की सिंध विधानसभा में 'बिहारी' शब्द को लेकर हंगामा हुआ। विधायक सैयद एजाज उल हक ने 'बिहारी' शब्द का इस्तेमाल कर उपहास किए जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि बिहारी शब्द का गलत अर्थ निकाला जा रहा है।

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बिहारी बेटे की दहाड़ सुन कांप गया पाकिस्तान; शरीफ को दिखा दी औकात, बोला- जितना तुम्हारे पास है, उतना हम छोड़कर आए
  • December 19, 2024 10:34 am Asia/KolkataIST, Updated 6 hours ago

नई दिल्लीः पाकिस्तान में जब  बिहार के एक बेटे का उसके बिहारी होने पर मजाक उड़ाया गया तो उसने मुल्क को उसकी औकात दिखा दी। हमारे देश भारत में भी कई बार ऐसी घटनाएं देखने को मिलती हैं, जब ‘बिहारी’ शब्द को लेकर लड़ाई छिड़ जाती है। इस बार पाकिस्तान की सिंध विधानसभा में सैयद एजाज उल हक ने ‘बिहारी’ शब्द का मजाक उड़ाने वालों को करारा जवाब दिया।

बिहारियों ने बनाया पाकिस्तान

पाकिस्तान के सिंध प्रांत की विधानसभा के सदस्य सैयद एजाज उल हक ने कहा, ‘बिहारी वो लोग हैं जिन्होंने पाकिस्तान बनाया। आज 50 साल बीत जाने के बावजूद जो बांग्लादेश में पाकिस्तान, पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं, क्या ये बिहारी हैं। आज आप बिहारी को गाली मान रहे हैं? आज आप बिहारियों को नाजायज तारीख-ए-वतन कह रहे हैं? आज आप बिहार को, बिहारी शब्द को गाली कह रहे हैं। आप भूल गए कि ये बिहारी कौन हैं?’

सिंध विधानसभा में एजाज उल हक ने कहा, ‘जैसा कि मैंने अपने भाषण की शुरुआत में कहा, यह पाकिस्तान मेराज दाद की कुर्बानियों का नतीजा है, किसी ने जागीर के तौर पर नहीं दिया। हम अपने हिस्से का पाकिस्तान अपने साथ लाए हैं। हम इसे लड़कर, मरकर, मिटकर लाए हैं। आज आपके पास जो कुछ भी है, उतना हम पीछे छोड़कर आए हैं।’

सैयद एजाज उल हक एक पाकिस्तानी राजनेता हैं जो 2024 से सिंध की प्रांतीय विधानसभा के सदस्य हैं। कराची सिंध प्रांत की राजधानी है और वहां बड़ी संख्या में बिहारी मुसलमान रहते हैं। पाकिस्तानी में ‘बिहारी’ कहकर उनका मजाक उड़ाए जाने पर वे विधानसभा में भड़क गए।

पाकिस्तान में कौन हैं ‘बिहारी’ मुसलमान ?

दरअसल, जब भारत के बंटवारे का प्रस्ताव आया तो उस प्रस्ताव को वोट देने वाले यूपी और बिहार के पठानों की संख्या अधिक थी। कहा जाता है कि बंटवारे के समय जो पठान भारत छोड़कर पाकिस्तान गए थे, वे बहुत समृद्ध थे और पाकिस्तान जाने के बाद वे अचानक प्रवासी बन गए। 1947 में बंटवारे के समय भारत से पाकिस्तान जाने वाले सभी उर्दू या हिंदी भाषी लोगों को ‘बिहारी’ कहकर संबोधित किया जाता था। जो बाद में एक ताना बन गया। बांग्लादेश बनने के बाद वहां से पाकिस्तान जाने वालों को भी ‘बिहारी’ कहकर संबोधित किया जाने लगा।

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