बांग्लादेश अब हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ हो रही हिंसा की आग महसूस कर रहा है। खास तौर पर म्यांमार सीमा पर तनाव बढ़ गया है। खबरों की मानें तो म्यांमार के विद्रोही समूह अराकान आर्मी ने एक तरह से बांग्लादेश पर हमला बोल दिया है।अराकान आर्मी बांग्लादेश की सीमा तक पहुंच गई है और उसने कुछ इलाकों पर कब्ज़ा कर लिया है। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या अराकान आर्मी बांग्लादेश के लिए भस्मासुर बन गई है?
नई दिल्ली : बांग्लादेश अब हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ हो रही हिंसा की आग महसूस कर रहा है। खास तौर पर म्यांमार सीमा पर तनाव बढ़ गया है। खबरों की मानें तो म्यांमार के विद्रोही समूह अराकान आर्मी ने एक तरह से बांग्लादेश पर हमला बोल दिया है।अराकान आर्मी बांग्लादेश की सीमा तक पहुंच गई है और उसने कुछ इलाकों पर कब्ज़ा कर लिया है। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या अराकान आर्मी बांग्लादेश के लिए भस्मासुर बन गई है? इन सबके बीच ITV ने एक सर्वे किया है, जिसमें लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियां दी है.
क्या अराकान आर्मी बांग्लादेश के लिए भस्मासुर बन गई है?
हां 78.00 %
नहीं 20.00 %
कह नहीं सकते 02.00 %
भारत के साथ बढ़ती दूरी का असर बांग्लादेश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा पर भी पड़ रहा है ?
हां 81.00 %
नहीं 15.00 %
कह नहीं सकते 04.00 %
जैसे तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान मौत बन गया है वैसे ही अराकान आर्मी बांग्लादेश को बर्बाद कर देगी?
हां 65.00 %
नहीं 31.00 %
कह नहीं सकते 04.00 %
राजनीतिक खींचतान और उग्रवादी हमलों के बीच बांग्लादेश एक और गहरे संकट की तरफ बढ़ रहा है?
हां 84.00 %
नहीं 13.00 %
कह नहीं सकते 03.00 %
क्या अराकान आर्मी पूरे बांग्लादेश पर कब्जा कर लेगी?
हां 62.00 %
नहीं 32.00 %
कह नहीं सकते 06.00 %
अराकान आर्मी से पिटा बांग्लादेश, भारत के खिलाफ लड़ सकेगा?
हां 14.00 %
नहीं 84.00 %
कह नहीं सकते 02.00 %
आर्मी जिसने बांग्लादेश के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, तो हम आपको बताते हैं- म्यांमार जो कि भारत का पड़ोसी और बौद्ध देश है. म्यांमार की करीब 1600 किलोमीटर की सीमा चार भारतीय राज्यों अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर और मिजोरम से लगती है. फरवरी 2021 में सेना ने यहां तख्तापलट कर दिया था. सत्ता अपने हाथ में लेने के बाद से ही इस देश में सेना की तानाशाही और शासन चल रहा है. यहां की सेना अपने खिलाफ उठने वाले विद्रोहियों और लोकतंत्र समर्थकों का दमन करती रही है.
म्यांमार की सेना के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन और लोगों को प्रताड़ित करने की कई शिकायतें मिली हैं. म्यांमार में कई विद्रोही समूह सक्रिय हैं और ये काफी शक्तिशाली भी हैं. ये म्यांमार की सेना से लड़ते भी रहे हैं. इस लड़ाई में कभी ये भारी पड़ते रहे हैं तो कभी इन्हें भागना भी पड़ा है. कई बार म्यांमार की सेना से बचने के लिए ये भारतीय इलाकों में छुपकर शरण लेते रहे हैं. इन्हीं विद्रोही समूहों में से एक बहुत शक्तिशाली है, इसे अराकान आर्मी के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि इसके पास करीब 30 हजार लड़ाके और उन्नत हथियार हैं. इन विद्रोही समूहों को वित्त पोषण देने के लिए चीन की ओर उंगलियां उठाई जा रही हैं।
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