भारत और चीन के राजनयिक संबंधों के अगले साल 75 वर्ष पूरे हो जाएंगे। इससे पहले दोनों देशों ने अपने रिश्तों को सुधारने की नई पहल शुरू कर दी है। भारत-चीन सीमा पर शांति लाने से लेकर आर्थिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक प्रगति को प्रगाढ़ करने में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की चीन यात्रा अहम साबित होगी.
नई दिल्ली : भारत और चीन के रिश्तों में खटास काम होती नजर आ रही है. पिछले कुछ सालों में दोनों देशों के रिश्ते कैसे रहे हैं ये जगजाहिर है. LAC पर सीमा विवाद से कड़वाहट इतनी बढ़ गई कि गलवान की घटना हो गई. फिर उस गलवान की घटना ने भारत और चीन के रिश्तों को और खराब कर दिया लेकिन अब दोनों देश दुश्मनी भूलकर दोस्ती की राह पर लौटते दिख रहे हैं.
एशिया के दो ताकतवर देश अब साथ बैठकर एक दूसरे से बातचीत कर रहे हैं और शांति का रास्ता तलाश रहे हैं. अब चीन के सुर बदल गए हैं. वो पहले की तरह धमकी नहीं दे रहा है. दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है. सीमा विवाद को सुलझाने के लिए भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है. यही वजह है कि मंगलवार को जब अजीत डोभाल बीजिंग पहुंचे तो चीन ने उनके स्वागत में रेड कार्पेट बिछा दिया.
भारत और चीन के राजनयिक संबंधों के अगले साल 75 वर्ष पूरे हो जाएंगे। इससे पहले दोनों देशों ने अपने रिश्तों को सुधारने की नई पहल शुरू कर दी है। भारत-चीन सीमा पर शांति लाने से लेकर आर्थिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक प्रगति को प्रगाढ़ करने के लिए दोनों देशों ने कड़ी प्रतिबद्धता जाहिर की है। इस कड़ी में भारत के विशेष प्रतिनिधि और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से बीजिंग में मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भारत-चीन के संबंधों को मजबूत करने के मुद्दे पर चर्चा की।
इससे पहले एनएसए अजीत डोभाल ने बुधवार को बीजिंग में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात की थी। यह मुलाकात दोनों देशों के रिश्तों को पटरी पर लाने के लिए सीमा मुद्दों और अन्य बिंदुओं पर बातचीत के लिए अहम थी। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने और पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के कारण चार साल से अधिक समय से तनावपूर्ण चल रहे द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करने समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होने की खबर है।
डोभाल 17 अक्टूबर को भारत और चीन के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की 23वीं बैठक में भाग लेने पहुंचे थे। डोभाल के साथ भारतीय प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद है। भारत और चीन इस साल अक्टूबर में सीमा विवाद को सुलझाने पर सहमत हुए थे। इसके लिए दोनों देशों ने अजीत डोभाल और वांग यी को विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया था।
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