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अब एक होंगे ठाकरे ब्रदर्स! करारी हार के बाद उद्धव और राज में सुलह की चर्चा तेज

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) दोनों का प्रदर्शन खराब रहा है। जहां उद्धव की पार्टी 90 से ज्यादा सीटों पर लड़कर सिर्फ 20 पर जीत हासिल कर पाई। वहीं, राज ठाकरे की मनसे तो एक भी सीट जीत पाने में नाकामयाब रही।

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अब एक होंगे ठाकरे ब्रदर्स! करारी हार के बाद उद्धव और राज में सुलह की चर्चा तेज
  • December 18, 2024 8:21 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 hours ago

नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में करारी हार झेलने के बाद क्या अब उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक हो जाएंगे? इसे लेकर राज्य के सियासी गलियारों में खूब चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है कि दोनों भाई अब आपस में सुलह कर सकते हैं और संभावना यह भी जताई जा रही है कि दोनों आगे साथ मिलकर चुनाव भी लड़ सकते हैं।

चुनाव में दोनों का प्रदर्शन खराब

बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) दोनों का प्रदर्शन खराब रहा है। जहां उद्धव की पार्टी 90 से ज्यादा सीटों पर लड़कर सिर्फ 20 पर जीत हासिल कर पाई। वहीं, राज ठाकरे की मनसे तो एक भी सीट जीत पाने में नाकामयाब रही।

क्या दोनों नेता अब साथ आएंगे?

असंबेली इलेक्शन में मिली महा हार के बाद अब उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे साथ आने पर विचार कर सकते हैं। बता दें कि राज की पार्टी का मुंबई की कई सीटों पर अच्छा-खासा जनाधार है। उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे की जीत में भी राज का काफी बड़ा योगदान रहा है। यहां पर आदित्य ने शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रत्याशी मिलिंद नार्वेकर को 8 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है। वहीं, राज की पार्टी के उम्मीदवार संदीप देशपांडे को 19 हजार वोट मिले। चुनाव हारने के बाद शिंदे के प्रत्याशी मिलिंद ने खुद कहा था कि राज की पार्टी की वजह से उन्हें हार मिली नहीं तो वह आदित्य का मात दे देते।

2006 में अलग हुए थे राज ठाकरे

बता दें कि राज ठाकरे ने अपने सियासी करियर की शुरुआत शिवसेना से ही की थी। लेकिन बाद में जब शिवसेना संस्थापक बाला साहेब ठाकरे ने अपने बेटे उद्धव को पार्टी की कमान देने का फैसला किया इसके बाद राज अलग हो गए। फिर साल 2006 में राज ठाकरे ने अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान किया। उन्होंने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नाम से नए राजनीतिक दल का गठन किया।

राज की पार्टी को शुरूआत में थोड़ी बहुत सफलता तो जरूर मिली लेकिन बाद में उनकी पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब होता चला गया है। 2009 के विधानसभा चुनाव में राज के दल को 13 सीटें मिली थीं। इसके बाद 2014 में एक, 2019 में एक सीट पर विजय मिलती है। वहीं 2024 के विधानसभा चुनाव में तो राज की पार्टी अपना खाता खोलने में नाकाम हो जाती है।

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