व्हिप जारी होने के बाद भी मंगलवार को वन नेशन वन इलेक्शन पर वोटिंग के लिए भाजपा के 20 सांसद मौजूद नहीं हुए, जिसके बाद पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कर रही है।
नई दिल्लीः मंगलवार को लोकसभा में ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ पर बहस होनी थी और इसके लिए भाजपा ने अपने सभी सांसदों को संसद में मौजूद रहने को कहा था। इसके लिए सभी को तीन लाइन का व्हिप जारी किया गया था। लेकिन, इसके बाद भी कई दिग्गज सांसद लोकसभा से गायब रहे। इन सांसदों के नाम हैं शांतनु ठाकुर, जगदंबिका पाल, बीवाई राघवेंद्र, गिरिराज सिंह, नितिन गडकरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, विजय बघेल, उदयराजे भोसले, जगन्नाथ सरकार और जयंत कुमार रॉय। गायब सांसदों की संख्या करीब 20 बताई जा रही है।
भाजपा के बड़े सांसदों के गायब रहने के बाद अब यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि अगर व्हिप जारी होने के बाद कोई सांसद या मंत्री संसद में अपनी पार्टी के साथ नहीं होता है तो उसके खिलाफ क्या कार्रवाई होती है। पहले जान लेते हैं कि व्हिप होता क्या है। संसद में व्हिप किसी पार्टी के लिए लिखित आदेश होता है, जिसके बाद सदस्य को सदन में उपस्थित रहना होता है। व्हिप जारी होते ही पार्टी के सदस्य उससे बंध जाते हैं और यह सभी के लिए अनिवार्य होता है। पार्टी अपने स्तर पर एक सदस्य की नियुक्ति भी करती है जिसे चीफ व्हिप कहा जाता है।
अब अगर कोई पार्टी सदस्य पार्टी व्हिप का पालन नहीं करता है तो उसकी संसद की सदस्यता या सांसद के तौर पर उसका दर्जा खतरे में पड़ सकता है। दलबदल विरोधी कानून के तहत उस सदस्य को अयोग्य भी घोषित किया जा सकता है। लेकिन अगर किसी पार्टी के एक तिहाई सदस्य व्हिप तोड़कर पार्टी लाइन के खिलाफ वोट करते हैं तो इसे स्वीकार्य माना जाता है। व्हिप जारी होने के बाद भी भाजपा के 20 सांसद मौजूद नहीं हुए, जिसके बाद पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कर रही है।
Also Read- 3 घंटे में सबको जेल भेज दूंगा, ED- CBI का रोना रो रहे थे संजय…
जयपुर एयरपोर्ट पर कैबिनेट मंत्रियों की एंट्री पर लगी रोक, जानें क्या है मामला