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लोकसभा में आज पेश होगा ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’, जानें पूरे देश में कैसे होगा एक साथ चुनाव

केंद्र सरकार आज संसद में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' बिल पेश करने जा रही है। फिलहाल भारत में राज्य विधानसभा और देश के लोकसभा चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं। वन नेशन वन इलेक्शन का मतलब है कि पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होने चाहिए।

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लोकसभा में आज पेश होगा ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’, जानें पूरे देश में कैसे होगा एक साथ चुनाव
  • December 17, 2024 7:48 am Asia/KolkataIST, Updated 5 hours ago

नई दिल्ली: केंद्र सरकार आज संसद में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ बिल पेश करने जा रही है। यह बिल आज दोपहर 12 बजे लोकसभा में पेश किया जाएगा। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल इस बिल को सदन में पेश करेंगे। वहीं, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी के लिए अलग से बिल पेश किया जाएगा। इस बिल की कॉपी सांसदों को दी गई है। विपक्ष लगातार एक देश एक चुनाव का विरोध करता रहा है। ऐसे में साफ तौर पर समझा जा सकता है कि लोकसभा में आज की कार्यवाही हंगामेदार रहने वाली है।

इस बिल को पेश करने के बाद सरकार इसे संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी के पास भी भेजना चाहती है। अगर जेपीसी मंजूरी दे देती है और यह बिल संसद के दोनों सदनों से पास हो जाता है तो इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करते ही यह बिल कानून बन जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो 2029 तक पूरे देश में एक साथ चुनाव हो सकेंगे।

क्या है एक राष्ट्र एक चुनाव?

फिलहाल भारत में राज्य विधानसभा और देश के लोकसभा चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं। वन नेशन वन इलेक्शन का मतलब है कि पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होने चाहिए।

नवंबर 2020 में पीएम नरेंद्र मोदी कई मंचों पर ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की बात कर चुके हैं। उन्होंने कहा है, “एक राष्ट्र एक चुनाव सिर्फ चर्चा का विषय नहीं है, बल्कि भारत की जरूरत है। कुछ महीनों में कहीं न कहीं चुनाव हो रहे हैं। इससे विकास कार्य प्रभावित होते हैं। अगर पूरे देश की विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ होते हैं, तो इससे चुनाव पर होने वाला खर्च कम होगा।

वहीं वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर विपक्ष का तर्क है कि अगर एक साथ चुनाव कराए गए तो मतदाताओं के फैसले प्रभावित होने की संभावना है। अगर 5 साल में एक बार चुनाव कराए गए तो सरकार की जनता के प्रति जवाबदेही कम हो जाएगी।

कोविंद समिति ने क्या सुझाव दिया?

-कोविंद समिति ने सुझाव दिया कि सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक बढ़ा दिया जाना चाहिए।

-पहले चरण में लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं। दूसरे चरण में 100 दिनों के भीतर नगर निगम चुनाव कराए जा सकते हैं।

-त्रिशंकु विधानसभा या अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति में, शेष 5 वर्षों के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं।

-चुनाव आयोग राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनावों के लिए एक ही मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र तैयार कर सकता है।

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