महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से ही शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं का ऐसा रवैया रहा है, जिसे देखने के बाद अब चर्चा है कि क्या उद्धव गुट वाली बची-खुची शिवसेना भी टूट जाएगी?
मुंबई/नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बुरी तरह से हार झेलने के बाद उद्धव ठाकरे गुट वाली शिवसेना अपनी हठधर्मी छोड़ने को नहीं है। इस बीच शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं ने ऐसा फैसला लिया है, जिससे सत्ताधारी महायुति गठबंधन के नेताओं को बुरा लग सकता है। चलिए जानते हैं पूरा मामला…
महाराष्ट्र में विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले नई सरकार ने रविवार शाम को एक टी पार्टी रखी है। परंपरा के मुताबिक टी पार्टी में पक्ष और विपक्ष के नेता शामिल होते हैं लेकिन उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने इस टी पार्टी को बॉयकॉट करने का फैसला किया है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे ने कहा है कि हमारी पार्टी का कोई भी विधायक इस टी पार्टी में शामिल नहीं होगा।
बता दें कि विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से ही शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं का ऐसा रवैया रहा है, जिसे देखने के बाद अब चर्चा है कि क्या उद्धव गुट वाली बची-खुची शिवसेना भी टूट जाएगी? मालूम हो कि शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता लगातार यह बयान दे रहे हैं कि उद्धव खेमे के कई विधायक जल्द ही पाला बदल सकते हैं।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव-2024 में उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना का प्रदर्शन बेहद ही खराब है। उद्धव गुट वाली शिवसेना महज 20 सीट ही जीत पाई। इनमें भी 10 सीटें तो अकेले मुंबई से हैं। यानी बाकी महाराष्ट्र में पार्टी का सूपड़ा साफ गया। विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद से ही यह चर्चा तेज है कि क्या अब महाराष्ट्र की सियासत में उद्धव खेमे वाली शिवसेना का अस्तित्व खत्म हो जाएगा?
बीजेपी- 132 सीट
शिवसेना (शिंदे गुट)- 57 सीट
एनसीपी (अजित)- 41 सीट
शिवसेना (उद्धव)- 20 सीट
कांग्रेस- 16 सीट
एनसीपी (शरद गुट)- 10 सीट
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