हल्की चाय पीना ठीक है, लेकिन कैफीन और धूम्रपान का अत्यधिक सेवन आपके पेट के स्वास्थ्य को खराब कर सकता है, जिससे पुरानी कब्ज और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
नई दिल्ली : दुनिया भर में आराम और तुरंत एनर्जी पाने के लिए चाय और धूम्रपान का सेवन एक साथ किया जाता है। पाचन पर इसके प्रभाव को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। हल्की चाय पीना ठीक है, लेकिन कैफीन और धूम्रपान का अत्यधिक सेवन आपके पेट के स्वास्थ्य को खराब कर सकता है, जिससे पुरानी कब्ज और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
चाय में कैफीन होता है, जो एक टॉनिक है, जिसका पाचन तंत्र पर मिला-जुला प्रभाव हो सकता है। सही मात्रा में कैफीन आंतों में संकुचन बढ़ाकर मल त्याग को आसान बना सकता है। दूसरी ओर, बहुत अधिक चाय पीने से शरीर में पानी कमी को हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप मल कठोर हो सकता है और मल त्याग धीमा हो सकता है।
कैफीन मूत्र मार्ग को परेशान कर सकता है, जिससे शरीर से पानी का उत्सर्जन बढ़ सकता है। पानी की कमी सीधे मल की स्थिरता और मार्ग को प्रभावित करता है, जिससे कब्ज होता है। लैक्टोज असहिष्णु व्यक्ति पाचन समस्याओं जैसे सूजन या कब्ज से पीड़ित हो सकते हैं क्योंकि चाय में अक्सर दूध होता है।
धूम्रपान से जठरांत्र (जीआई) पथ पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। सिगरेट में निकोटिन की मात्रा तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करती है और अस्थायी रूप से आंत्र गतिविधि को तेज कर सकती है लेकिन लगातार धूम्रपान करने से आंत के माइक्रोबायोटा का संतुलन बिगड़ जाता है, जो स्वस्थ पाचन के लिए आवश्यक है।
दूसरी ओर, निकोटीन आंतों में रक्त के प्रवाह को कम करता है, जिससे उनकी कुशलता से काम करने की क्षमता कम हो जाती है। समय के साथ, कम रक्त प्रवाह और पुरानी सूजन आंतों की परत को नुकसान पहुंचाती है, जिससे पाचन और मल त्याग में समस्या होती है। धूम्रपान से कब्ज से जुड़े IBS और IBD का जोखिम भी बढ़ सकता है।
चाय कम पिए करें: कैफीन का सेवन कम करें और हर्बल चाय पिएं जो कैफीन-मुक्त हो और जिसमें पुदीना या अदरक जैसी सामग्री हो।
हाइड्रेटेड रहें: दिन भर में खूब पानी पीने से कैफीन के प्रभावों का मुकाबला किया जा सकता है। रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।
यह भी पढ़ें :-
महुआ मोइत्रा का पीएम मोदी पर आया दिल, संसद में कर दिया ऐसा काम… आधे घंटे तक हुई ठप!