बिहार कांग्रेस के सचिव प्रभारी शाहनवाज आलम ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा, ''बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने एक संकल्प ले रखा है. यह संकल्प बिहार में दो डिप्टी सीएम बनने को लेकर है. चुनावी सरगर्मियों के बीच कल जब ममता बनर्जी ने भारत गठबंधन का नेतृत्व करने का दावा किया तो राजद प्रमुख लालू यादव ने उनका समर्थन किया, लेकिन अब कांग्रेस ने भी राजद को जवाब दिया है.
पटना: बिहार महागठबंधन में घमासान शुरू हो गया है. बिहार विधानसभा चुनाव में अभी 10 महीने बाकी हैं लेकिन उससे पहले ही राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. चुनावी सरगर्मियों के बीच कल जब ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने का दावा किया तो राजद प्रमुख लालू यादव ने उनका समर्थन किया, लेकिन अब कांग्रेस ने भी राजद को जवाब दिया है.
बिहार कांग्रेस के सचिव प्रभारी शाहनवाज आलम ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा, ”बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने एक संकल्प ले रखा है. यह संकल्प बिहार में दो डिप्टी सीएम बनने को लेकर है. चुनावी सरगर्मियों के बीच कल जब ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने का दावा किया तो राजद प्रमुख लालू यादव ने उनका समर्थन किया, लेकिन अब कांग्रेस ने भी राजद को जवाब दिया है.
लखीसराय में कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम ने कहा, ”अगर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी तो दो उपमुख्यमंत्री बनाये जायेंगे.” एक डिप्टी सीएम ऊंची जाति से होगा और दूसरा मुस्लिम समुदाय से होगा. शाहनवाज आलम का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब महागठबंधन में बयानों के तीखे हमले चल रहे हैं. राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाने वाली ममता बनर्जी का लालू प्रसाद यादव ने समर्थन किया है.
बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव से पहले दबाव की राजनीति चरम पर है. शाहनवाज आलम के इस बयान के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने यह बयान लालू यादव और राष्ट्रीय जनता दल पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत दिया है. आलम के बयान को कांग्रेस के अपने खोए हुए पारंपरिक समर्थन आधार को वापस पाने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है, जिसमें दलित, मुस्लिम और उच्च जाति वर्ग शामिल हैं।
आपको बता दें कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस ने बिहार में 9 सीटों पर चुनाव लड़ा और केवल तीन सीटें जीतीं, जबकि राजद ने 23 उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उसे केवल चार सीटों पर जीत मिली। इसके मुताबिक कांग्रेस अपने प्रदर्शन को लालू प्रसाद की पार्टी से बेहतर मानती है.
ये भी पढ़ें: अतुल सुभाष गिड़गिड़ाते रह गये कर दो ये काम… पत्नी नहीं मानी बात, आखिर क्यों बनी जालिम?