3 साल की बच्ची की आंख में घुसी पेंसिल सिर में जाकर फंसी, एम्स में डॉक्टर्स की टीम ने ऐसे दी नई जिंदगी

AIIMS में डॉक्टर्स की टीम ने एक 3 साल की बच्ची की आंख से लेकर मस्तिष्क तक फंसी पेंसिल को बड़ी ही सावधानी और सफलतापूर्वक निकाल लिया। बताया जा रहा है कि बच्ची एक आंगनवाड़ी में दुर्घटनावश घायल हो गई थी।

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3 साल की बच्ची की आंख में घुसी पेंसिल सिर में जाकर फंसी, एम्स में डॉक्टर्स की टीम ने ऐसे दी नई जिंदगी
  • December 11, 2024 10:40 am Asia/KolkataIST, Updated 1 day ago

नई दिल्ली: AIIMS में डॉक्टर्स की टीम ने एक 3 साल की बच्ची की आंख से लेकर मस्तिष्क तक फंसी पेंसिल को बड़ी ही सावधानी और सफलतापूर्वक निकाल लिया। बताया जा रहा है कि बच्ची एक आंगनवाड़ी में दुर्घटनावश घायल हो गई थी। हालांकि डॉक्टर्स की टीम ने इस जटिल मामले का शीघ्र और प्रभावी तरीके से प्रबंधन किया और छोटी बच्ची की आंख बचाई।

डॉक्टर्स ने बचाई बच्ची की जान

डॉक्टर्स की टीम ने राजधानी भोपाल के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में एक 3 साल की मासूम बच्ची की आंखों की रोशनी छिनने से बचा लिया और उसे नई जिंदगी दी। बताया जा रहा है कि डॉक्टर्स ने बच्ची की आंख से लेकर मस्तिष्क तक फंसी पेंसिल को सफलतापूर्वक निकाला। यह उपलब्धि नेत्र रोग विभाग, ट्रॉमा और न्यूरोसर्जरी मेत इमरजेंसी टीम के सामूहिक प्रयासों के कारण संभव हुई। उन्होंने इस गंभीर मामले का जल्द और प्रभावी तरीके से प्रबंधन किया और छोटी बच्ची की आंख बचाई।

हादसे में बुरी तरह घायल हुई बच्ची

जानकारी के अनुसार जिला रायसेन के सुल्तानपुर की निवासी बच्ची एक आंगनवाड़ी में घायल हो गई थी। भोपाल के ट्रॉमा इमरजेंसी डिपार्टमेंट में तुरंत घायल को लाया गया, जहां तुरंत बॉडी के प्रभाव का आकलन करने के लिए मस्तिष्क की इमेजिंग सहित सभी जरूरी जांचें डॉक्टर्स की टीम द्वारा की गईं। सभी सर्जिकल योजना और जरूरी तैयारियों के बाद पेंसिल को सफलतापूर्वक निकाला गया और बच्ची अब पूरी तरह से ठीक हो रही है। इस मामले में नेत्र रोग विभाग की एडिशनल प्रोफेसर डॉ. प्रीति सिंह ने सर्जिकल टीम का नेतृत्व किया, जिसमें न्यूरोसर्जरी से डॉ. आदेश श्रीवास्तव और डॉ. राकेश, ट्रॉमा आपातकालीन से डॉ. भूपेश्वरी और डॉ. अंशु शामिल थे।

आभार व्यक्त किया

सर्जरी के लिए सभी जरूरी तैयारियों को एम्स भोपाल के नेत्र रोग विभाग की आपातकालीन टीम ने शीघ्रता से पूरा किया। एम्स भोपाल और चिकित्सा टीम का बच्ची के माता-पिता ने आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उनकी बेटी को तुरंत दर्द और तनाव से राहत दी। यह सफलता एम्स भोपाल की आपातकालीन ट्रॉमा मामलों के प्रबंधन में उत्कृष्टता को दर्शाती है, और यह बहुविभागीय दृष्टिकोण के महत्व को रेखांकित करती है।

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