रूस की संसद के ऊपरी सदन के उपाध्यक्ष कोंस्टैंटिन कोसाच्योव ने रविवार को कहा कि सीरियाई लोगों को इस गृहयुद्ध से अकेले ही निपटना होगा। कोसाच्योव ने सुझाव दिया कि रूस कुछ परिस्थितियों में सीरियाई लोगों का समर्थन करने के लिए तैयार है।
नई दिल्ली: सीरिया में हालात बेहद खराब हो गए हैं। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर भाग गए हैं। सेना ने असद के देश छोड़ने की पुष्टि की है और कहा है कि राष्ट्रपति की सत्ता खत्म हो गई है। राष्ट्रपति असद ने रूस में राजनीतिक शरण ली है। पुतिन ने असाद ओर उनके परिवार को पनाह दी है।
पिछले 11 दिनों से सीरिया में विद्रोही समूहों और सेना के बीच कब्जे के लिए लड़ाई चल रही है। विद्रोही लड़ाकों ने रविवार को राजधानी दमिश्क पर भी कब्जा कर लिया। वे सड़कों पर गोलीबारी करके असद सरकार के पतन का जश्न मना रहे हैं।
नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस पर अपने दोस्त सीरिया की मदद न करने का आरोप लगाया है। ट्रंप ने कहा पुतिन खुद रूस- यूक्रेन युद्ध में उलझे हुए है, उन्हें अब सीरिया और राष्ट्रपति बशर अल असद की मदद करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। इस बीच रूस की संसद के ऊपरी सदन के उपाध्यक्ष कोंस्टैंटिन कोसाच्योव ने रविवार को कहा कि सीरियाई लोगों को इस गृहयुद्ध से अकेले ही निपटना होगा। कोसाच्योव ने सुझाव दिया कि रूस कुछ परिस्थितियों में सीरियाई लोगों का समर्थन करने के लिए तैयार है।
असद के देश छोड़ने के बाद सीरियाई प्रधानमंत्री ने विद्रोहियों को सत्ता सौंपने का प्रस्ताव रखा है। पीएम मोहम्मद गाजी अल-जलाली ने एक वीडियो में कहा कि वह देश में रहेंगे और सीरिया के लोग जिसे भी चुनेंगे, उसके साथ काम करेंगे। आपको बता दें कि एक हफ्ते में विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क और होम्स के अलावा सीरिया के चार प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया है। अब सवाल यह है कि सीरिया में आगे क्या होगा? विद्रोहियों की जीत के साथ ही सीरिया में बशर अल-असद का 24 साल का शासन और देश में 13 साल से चल रहा गृहयुद्ध खत्म हो गया है। अब सीरिया की राजधानी दमिश्क पर हयात अल-शाम का कब्ज़ा है।
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