वायु प्रदूषण का हमारी सेहत पर गहरा असर होता है, खासकर फेफड़ों और श्वसन तंत्र पर। कुछ हर्बल चाय आपकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और प्रदूषण के दुष्प्रभावों से लड़ने में मदद कर सकती हैं। दिल्ली की कई जगहों का एक्यूआई कुछ समय पहले 400 के पार तक पहुंच गया था
नई दिल्ली: वायु प्रदूषण का हमारी सेहत पर गहरा असर होता है, खासकर फेफड़ों और श्वसन तंत्र पर। कुछ हर्बल चाय आपकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और प्रदूषण के दुष्प्रभावों से लड़ने में मदद कर सकती हैं। दिल्ली की कई जगहों का एक्यूआई कुछ समय पहले 400 के पार तक पहुंच गया था और सेहत पर इसके बुरे असर को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, ये चार प्रकार की चाय प्रदूषण से होने वाले प्रभाव को कम करने में प्रभावी हैं।
नीलगिरी की चाय फेफड़ों को मजबूत बनाती है और सांस से जुड़ी समस्याओं में मदद करती है। हवा के पॉल्यूशन के सेहत पर पड़े प्रभाव से लड़ने के लिए नीलगिरी की चाय काफी फायदेमंद हैं। ब्रोंकाइटिस और सामान्य सर्दी होने पर इसका सेवन करने से लाभ मिलता है।
अदरक में मौजूद जिंजरॉल यौगिक सूजन कम करता है और वायुमार्ग को साफ रखने में मदद करता है। यह फेफड़ों से बलगम को निकालने और सांस लेना आसान बनाने के लिए उपयोगी है। अदरक की चाय सांस की नली की सूजन से राहत दिलाने से लेकर फेफड़ों को भी फायदा पहुंचाती है और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में सहायक है।
तुलसी में प्राकृतिक डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं, जो शरीर से विषैले तत्वों को निकालने में मदद करते हैं। इसके एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण श्वसन संक्रमण को रोकने में सहायक होते हैं।
मुलेठी में सूजन रोधी और कफ निवारण गुण होते हैं, जो खांसी और गले की खराश में राहत देते हैं। यह श्वसन संक्रमण और ब्रोंकाइटिस के लिए भी उपयोगी है। ठंड के मौसम और प्रदूषण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए मुलेठी की चाय बेहद फायदेमंद है।
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