महाराष्ट्र में नई महायुति सरकार के गठन के बाद भी ईवीएम के मुद्दे पर बहस जारी है. इसे लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है. इस बीच बीजेपी नेता अशोक चव्हाण ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि ईवीएम को लेकर चल रही बातें पूरी तरह से बेबुनियाद हैं. उन्हें अपनी हार स्वीकार कर लेनी चाहिए.
मुंबई: महाराष्ट्र में नई महायुति सरकार के गठन के बाद भी ईवीएम के मुद्दे पर बहस जारी है. इसे लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है. इस बीच बीजेपी नेता अशोक चव्हाण ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि ईवीएम को लेकर चल रही बातें पूरी तरह से बेबुनियाद हैं. उन्हें अपनी हार स्वीकार कर लेनी चाहिए.
बीजेपी नेता अशोक चव्हाण ने ईवीएम मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘जब आप तेलंगाना, कर्नाटक जीतते हैं तो इस पर कुछ नहीं कहते. जब हारेंगे तो ईवीएम पर सवाल उठाएंगे. इसमें कुछ भी तार्किक नहीं है, ये एक राजनीतिक बयान है. जब हारेंगे तो ईवीएम पर सवाल उठाएंगे. इसमें कुछ भी तार्किक नहीं है, ये एक राजनीतिक बयान है.
उन्होंने विपक्ष को घेरते हुए आगे कहा, ‘आपको सार्वजनिक रूप से अपनी हार स्वीकार करनी चाहिए और विपक्ष की भूमिका निभाकर अपना काम करना चाहिए.’ ये जो बातें चल रही हैं वो पूरी तरह से बेबुनियाद हैं. यह (बैलट पेपर) एक नीतिगत मामला है, जब सुप्रीम कोर्ट पहले ही तय कर चुका है कि ईवीएम में कोई समस्या नहीं है, तो यह कोई मुद्दा नहीं है।
बता दें कि विपक्षी दलों कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) के सदस्यों ने शपथ नहीं लेने का फैसला किया। वहीं आदित्य ठाकरे ने कहा कि विपक्ष सोलापुर के मालशिरस विधानसभा इलाके के मरकडवाडी गांव में भी कर्फ्यू और गिरफ्तारियों का विरोध कर रहा है, जहां ग्रामीणों ने मतपत्र के माध्यम से फिर से मतदान की मांग की थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के सदस्यों ने ईवीएम के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए शनिवार (7 दिसंबर) को विधानसभा के तीन दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन विधायक पद की शपथ नहीं ली. वहीं राज्य विधानमंडल के निचले सदन का विशेष सत्र शनिवार सुबह 11 बजे शुरू हुआ. वहीं मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार सहित सत्तारूढ़ दलों के कई सदस्यों ने विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ ली।
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