हाल ही में आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हुए शिक्षक और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा एक नए विवाद में घिर गए हैं। उनके ऊपर आरोप लगे हैं कि उन्होंने पार्टी के दफ्तर में एक इंटरव्यू के दौरान बीच में हस्तक्षेप किया।
नई दिल्ली : हाल ही में आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हुए शिक्षक और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा एक नए विवाद में घिर गए हैं। उनके ऊपर आरोप लगे हैं कि उन्होंने पार्टी के दफ्तर में एक इंटरव्यू के दौरान बीच में हस्तक्षेप किया। इस मुद्दे को लेकर ओझा ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए स्वीकार किया कि जो हुआ वह उनके लिए गलत था, लेकिन इसके लिए उन्होंने एक वॉलंटियर को जिम्मेदार ठहराया और इसे अनजाने में हुई गलती बताया।
अवध ओझा ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने बयान में कहा कि उनके साथ यह घटना भावुकता के कारण हुई । उन्होंने कहा कि वह एक शिक्षक हैं और हर सवाल का उत्तर देने के लिए तैयार रहते हैं। उन्होंने अपने पोस्ट में यह भी लिखा कि हाल ही में जिसके साथ उनका इंटरव्यू हुआ था। उसे सभी को देखना चाहिए। ओझा ने कहा कि साक्षात्कार के दौरान एक वॉलंटियर ने बिना जानकारी के पत्रकार को रोका, जो कि उनके अनुसार सही कदम नहीं था। उन्होंने इस पर माफी भी मांगी। इसके अलावा, ओझा ने अपने शिक्षकीय दृष्टिकोण के तहत सभी सवालों का स्वागत करने की बात कही और कहा कि उनकी प्राथमिकता हमेशा अच्छे संवाद और समझदारी पर आधारित रहेगी।
वो शिक्षक ही क्या जो सवाल का जवाब ना दे ।
कल बीबीसी के साथ बढ़िया इंटरव्यू हुआ। उसे अवश्य देखे। unfortunately साक्षात्कार के दौरान हमारे एक वालंटियर ने अनजान वश पत्रकार महोदय को रोक दिया जो की बिल्कुल सही नहीं था ।
लोग कह रहे उसे दंड दी, बर्खास्त करो। उसे दंड देना उचित नहीं हैं…— Avadh ojha (@kafiravadh) December 6, 2024
गुरुवार को एक इंटरव्यू के दौरान अवध ओझा से पूछा गया कि क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी की तारीफ करते रहेंगे, क्योंकि वह इसके पहले भी ऐसा कर चुके हैं। ओझा ने इसका जवाब देते हुए कहा कि तारीफ करने में कोई बुराई नहीं है और उदाहरण के तौर पर सचिन तेंदुलकर और ब्रायन लारा का नाम लिया।हालांकि, इंटरव्यू के दौरान अचानक एक व्यक्ति कमरे में आया और पत्रकार से कहा कि उन्हें ‘उलटा-सीधा’ सवाल पूछने से बचना चाहिए। इस घटना के बाद इंटरव्यू बीच में ही रोक दिया गया। इस पर ओझा ने कहा कि वह पार्टी की नीतियों के अनुरूप काम करेंगे। उस चैनल ने इस अधूरे इंटरव्यू को इस संदेश के साथ प्रसारित किया कि आम आदमी पार्टी ने रिकॉर्डिंग को आगे नहीं बढ़ने दिया।
इस इंटरव्यू के प्रसारण के बाद सोशल मीडिया पर अवध ओझा और आम आदमी पार्टी की आलोचना शुरू हो गई। भाजपा ने भी इस मुद्दे पर आप के रवैये की निंदा की। हालांकि, अवध ओझा ने मामले में अपनी बात स्पष्ट करते हुए यह भी कहा कि किसी भी प्रश्न से उन्हें कोई डर नहीं है और वह हमेशा संवाद के लिए तैयार हैं।
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