आजमी ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि बाबरी मस्जिद की शहादत ता क़यामत तक नहीं भूली जाएगी। कभी नहीं भुला जाएगा बाबरी के मुजरिमों को आज़ाद घूमना। कभी नहीं भुला जाएगा उसका फैसले जिसकी आड़ में आज मुसलमानों की इबादतगाहों को निशाना बनाया जा रहा है।
नई दिल्ली: कल यानी शुक्रवार को बाबरी विध्वंस की 32वीं बरसी थी। 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों उमड़ी भीड़ ने बाबरी मस्जिद को ढहा दिया था। 6 दिसंबर को जहां हिन्दू शौर्य दिवस के रूप में मनाते हैं तो वहीं मुस्लिम इसे काले दिवस के तौर पर। आज पूरे उत्तर प्रदेश को हाई अलर्ट पर रखा गया है। बाबरी विध्वंस के बरसी के मौके पर समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजम ने विवादित पोस्ट किया है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि बाबरी मस्जिद की शहादत ता क़यामत तक नहीं भूली जाएगी। कभी नहीं भुला जाएगा बाबरी के मुजरिमों को आज़ाद घूमना। कभी नहीं भुला जाएगा उसका फैसले जिसकी आड़ में आज मुसलमानों की इबादतगाहों को निशाना बनाया जा रहा है। इक़्तेदार के लिए कुछ लोगों ने हमारे मुल्क को नफ़रत की आग में झोंक दिया है, लेकिन हमारा ईमान है आज नहीं तो कल वो इंसाफ ज़रूर करेगा, इन शा अल्लाह।
गौरतलब है कि 6 दिसंबर 1992 को 4-6 लाख की संख्या में लोगों ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिरा दिया था। महज 15 मिनट के अंदर जनता ने कोहराम मचा दिया। लोगों ने दीवार गिरा दी, लोहे की पाइप उखाड़ फेंकी। 12 बजे तोड़फोड़ शुरू हुई और 5 बजे तक वहां से लाखों की भीड़ मिट्टी और ईंटे उठा ले गए।
बाबरी विध्वंस की बरसी पर सीएम योगी ने अयोध्या, काशी, मथुरा, संभल समेत यूपी के 26 जिलों में विशेष ध्यान रखने को कहा है।
बता दें कि बाबरी मस्जिद और राम मंदिर का मामला देश के सबसे पुराने विवादों में से एक रहा है। यह कई दशकों तक भारतीय राजनीति के केंद्र बिंदु में रहा है। बीजेपी ने तो राम मंदिर मामले को बहुत सालों तक अपने मेनिफेस्टो में रखा था। वहीं, बाबरी विध्वंस पर दूसरा पक्ष वर्षों से राजनीति करता आया है। मुस्लिम नेता इस मामले को प्रमुखता से उठाते हैं।