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सरकारी कर्चारियों की हड़ताल पर अगले छह महीने लगा प्रतिबंद, यूपी में एस्मा लागू

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में आगामी छह महीनों के लिए हड़ताल और धरना प्रदर्शन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। सरकार का यह निर्णय बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा 7 दिसंबर से हड़ताल पर जाने के ऐलान के बाद आया है। बिजली विभाग के कर्मचारी पूर्वांचल और दक्षिणांचल वितरण निगमों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर चलाने के प्रस्ताव का विरोध कर रहे थे।

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Strike of government employees banned for next six months, ESMA implemented in UP
  • December 6, 2024 9:06 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में आगामी छह महीनों के लिए हड़ताल और धरना प्रदर्शन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। यह फैसला राज्य की महत्वपूर्ण सेवाओं को बाधित होने से बचाने के उद्देश्य से लिया गया है। प्रमुख सचिव एम. देवराज ने उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं के अनुरक्षण अधिनियम (ESMA), 1966 की धारा-3 के तहत इस आदेश को जारी किया।

इस फैसले के तहत यूपी सरकार से संबंधित किसी भी विभाग, निगम या सार्वजनिक उपक्रम में काम कर रहे अधिकारी और कर्मचारी किसी भी तरह की हड़ताल नहीं कर सकेंगे। यह रोक कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों पर भी लागू होगी। सरकार ने इसे लोकहित में उठाया गया कदम बताया है।

हड़ताल के ऐलान के बाद सख्ती

सरकार का यह निर्णय बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा 7 दिसंबर से हड़ताल पर जाने के ऐलान के बाद आया है। बिजली विभाग के कर्मचारी पूर्वांचल और दक्षिणांचल वितरण निगमों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर चलाने के प्रस्ताव का विरोध कर रहे थे। उन्होंने हड़ताल के जरिए काम बंद करने की चेतावनी दी थी। वहीं बिजली विभाग की हड़ताल की आशंका को देखते हुए पावर कॉरपोरेशन ने पहले ही सरकार को सतर्क कर दिया था। इसके बाद सरकार ने ESMA लागू करते हुए हड़ताल पर छह महीने की रोक लगा दी।

हड़ताल करने पर होगी कानूनी कार्रवाई

पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने जिलाधिकारियों, मंडलायुक्तों और पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर स्थिति से निपटने की तैयारी पहले ही शुरू करने के निर्देश दिए थे। अब सरकार के आदेश के बाद पावर कॉरपोरेशन ने राहत की सांस ली है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कदम आम जनता की सुविधा और सार्वजनिक सेवाओं को बाधित होने से बचाने के लिए उठाया गया है। अगले छह महीनों तक किसी भी प्रकार की हड़ताल करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। इस आदेश का पालन सभी सरकारी विभागों और सेवाओं में अनिवार्य रूप से करना होगा।

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