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गोमांस को बैन करने की मांग, JDU नेता ने उठाई आवाज, क्या है बिहार चुनाव से इसका कनेक्शन?

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू नेता ने बड़ी मांग की है. राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी के नेता ने बिहार में गोमांस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है. आपको बता दें कि हाल ही में असम में बीफ पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. वहीं, अब नीतीश जी के नेता दिलेश्वर कामौत ने बीफ पर बैन लगाने की मांग उठाई है.

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JDU leader raised voice what is its connection with Bihar elections Demand to ban beef asam cm nitish Kumar Giriraj Singh
  • December 5, 2024 8:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू नेता ने बड़ी मांग की है. राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी के नेता ने बिहार में गोमांस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है. आपको बता दें कि हाल ही में असम में बीफ पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. वहीं, अब नीतीश जी के नेता दिलेश्वर कामौत ने बीफ पर बैन लगाने की मांग उठाई है.

 

प्रतिबंध लगाने की मांग

 

जेडीयू सांसद ने कहा कि गोमांस पर प्रतिबंध लगाना असम सरकार का सही फैसला है. यह पहली बार नहीं है कि बिहार में गोमांस पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठी है. इससे पहले बेगुसराय सांसद गिरिराज सिंह ने भी गोमांस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू पर गंभीर आरोप लगाए थे और कहा था कि देश में सभी परेशानियों की जड़ गोमांस है. यदि नेहरू ने पहले ही देश में गोहत्या पर प्रतिबंध लगा दिया होता तो आज देश की यह हालत नहीं होती।

आपको बता दें कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने राज्य में गोमांस पर प्रतिबंध लगाते हुए घोषणा की थी कि आज से किसी भी होटल, रेस्तरां या सार्वजनिक स्थान पर गोमांस नहीं परोसा जाएगा। इसका मतलब यह है कि अब असम में बीफ खाना गैरकानूनी माना जाएगा और अगर कोई बीफ खाता हुआ पकड़ा गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

 

गोमांस नहीं परोसा जाएगा

 

असम सरकार ने यह प्रतिबंध असम मवेशी संरक्षण अधिनियम 2021 के तहत लगाया है। इस कानून के तहत न केवल गाय बल्कि भैंस और बैल सहित सभी प्रकार के मवेशी आते हैं। हिमंत सरकार के इस फैसले के बाद राज्य भर में किसी भी सार्वजनिक स्थान या यहां तक ​​कि शादी पार्टियों में भी गोमांस नहीं परोसा जाएगा. हालांकि, अगर कोई घर बैठे बीफ खाना चाहता है तो खा सकता है. अगर कोई सार्वजनिक स्थान पर गोमांस खाते हुए पकड़ा जाता है तो दोषी पाए जाने पर उसे 3 से 8 साल तक की जेल की सजा हो सकती है. साथ ही 3-5 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

 

प्रतिबंध क्यों लगाया गया?

असम सरकार के इस फैसले का विपक्ष विरोध कर रहा है. शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने बीजेपी पर हमला बोला था और पूछा था कि नॉर्थ ईस्ट और गोवा में बीफ खाने पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया है. आरएसएस नेताओं का कहना है कि खाना-पीना निजी मामला है तो फिर असम में इस तरह का प्रतिबंध क्यों लगाया गया है. आपको बता दें कि नेशनल सैंपल सर्वे 2011-12 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 8 करोड़ से ज्यादा लोग बीफ खाते हैं। जिसमें सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी इसका सेवन करती है. इसके अलावा करीब 1.26 करोड़ हिंदू भी बीफ खाते हैं.

 

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