आपने अक्सर सुना होगा कि ट्रेन पर किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा पत्थर फेंका गया है। हाल के दिनों में इस प्रकार की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस प्रकार के कृत्यों के खिलाफ क्या कानूनी प्रावधान हैं?
नई दिल्ली : आपने अक्सर सुना होगा कि ट्रेन पर किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा पत्थर फेंका गया है। हाल के दिनों में इस प्रकार की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस प्रकार के कृत्यों के खिलाफ क्या कानूनी प्रावधान हैं? अगर आप ट्रेन पर पत्थर फेंकने का अपराध करते हैं, तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
भारत में रेलवे एक्ट के तहत ट्रेन पर पत्थर फेंकने वाले व्यक्तियों को कठोर सजा का सामना करना पड़ सकता है। रेलवे एक्ट की धारा 152 और 153 के अनुसार, इस अपराध में आजीवन कारावास या दस साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा, रेलवे से संबंधित अन्य अपराधों के लिए भी कई धाराएं हैं, जिनके तहत सजा का प्रावधान है। उदाहरण के लिए, धारा 166(बी) के तहत, ट्रेन में बिल चिपकाने पर छह महीने की जेल या 500 रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
रेलवे एक्ट की धारा 141 के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति चेन पुलिंग में पकड़ा जाता है, तो उसे एक हजार रुपये तक जुर्माना या एक साल तक की सजा हो सकती है। वहीं, धारा 174 के तहत, यदि कोई व्यक्ति रेलवे ट्रैक पर बैठता है, अवरोधक लगाता है, रेल के हौज़पाइप से छेड़छाड़ करता है या सिग्नल को नुकसान पहुंचाता है, तो उसे दो साल तक की सजा या दो हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, धारा 146 और 147 के तहत, यदि कोई व्यक्ति रेलवे कर्मचारियों के काम में बाधा डालता है या रेल में अवैध रूप से प्रवेश करता है, तो उसे छह महीने की सजा या एक हजार रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
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