दिल्ली में बीजेपी आलाकमान एकनाथ शिंदे से नाराज है. भाजपा चाहती है कि शिंदे खेमा ज्यादा मोलभाव न कर सरकार में शामिल हो और डिप्टी सीएम का पद स्वीकार करे.
मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव परिणाम आए 10 दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला नहीं हो पाया है. बताया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे और उनकी पार्टी मुख्यमंत्री पद को लेकर अड़ गई है. शिंदे ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा है कि जनता चाहती है कि वो ही सीएम बनें. उन्होंने जनता के लिए काम किया है.
इस बीच खबर है कि दिल्ली में बीजेपी आलाकमान एकनाथ शिंदे से नाराज है. भाजपा चाहती है कि शिंदे खेमा ज्यादा मोलभाव न कर सरकार में शामिल हो और डिप्टी सीएम का पद स्वीकार करे. चर्चा है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता शिंदे खेमे पर अहसान भूलने का आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि जब एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से बगावत कर शिवसेना को तोड़ा था, उस वक्त बीजेपी ने उनका पूरा साथ दिया था. फिर भाजपा ने सिर्फ 40 विधायक होने पर भी शिंदे को सीएम बनाया लेकिन अब शिंदे वो सारे अहसान भूल रहे हैं.
वहीं, सियासी गलियारों में चर्चा ये भी है कि अजित पवार और उनकी पार्टी एनसीपी ने बिना शर्त बीजेपी को समर्थन दिया है. जिससे अब भाजपा के बहुमत से कहीं ज्यादा नंबर हैं. ऐसे में अगर शिंदे गुट सरकार में शामिल नहीं भी होता है या अलग राह भी अपनाता है तब भी महायुति की सरकार आराम से चलती रहेगी. हालांकि, केंद्र में बीजेपी को शिंदे की शिवसेना के 7 सांसदों की जरूरत पड़ेगी.
महाराष्ट्र की सियासत में एक सवाल फिर से उठ खड़ा हुआ है कि क्या अब एकनाथ शिंदे की शिवसेना में भी तोड़फोड़ होने वाली है. क्या शिंदे अब बीजेपी आलाकमान को नाराज करने की कीमत चुकाएंगे. इन सवालों के जवाब आने वाले वक्त में मिलेंगे. लेकिन इतना तय है कि शिंदे की हठधर्मी की वजह से महाराष्ट्र में भाजपा की खूब किरकिरी हो रही है और इससे पार्टी आलाकमान पूरी तरह वाकिफ है.
‘मैं EVM हैक कर सकता हूं’, इस शख्स ने विपक्ष के दावों को सच कर दिया! चुनाव आयोग ने लिया बड़ा एक्शन