क्या मोबाइल फोन के इस्तेमाल से मर्दानगी पर पड़ रहा असर, जानें कितना है खतरनाक?

खानपान और हवा के माध्यम से शरीर में एंडोक्राइन डिसरप्टिंग केमिकल पहुंच रहा है, जो दूसरे हार्मोन पर असर डालता है. बहुत अधिक पॉल्यूशन के कारण पुरुषों के शुक्राणुओं की संख्या भी कम हो रही है. अत्यधिक धूम्रपान और शराब पीने से भी स्पर्म की संख्या पर असर पड़ सकता है. मोटापा और गलत चीजें खाने से भी शुक्राणुओं की संख्या कम हो सकती है.

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क्या मोबाइल फोन के इस्तेमाल से मर्दानगी पर पड़ रहा असर, जानें कितना है खतरनाक?

Aprajita Anand

  • December 2, 2024 2:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 hours ago

नई दिल्ली: आजकल अधिकतर लोगों के पास फोन है और वे अपना ज्यादातर समय फोन का इस्तेमाल करते हुए बिताते हैं. खासकर आज के युवा दिन भर अपने फोन के दीवाने रहते हैं. हाल ही में हुए एक रिसर्च के मुताबिक फोन का ज्यादा इस्तेमाल मर्दानगी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. इससे पुरुषों का स्पर्म काउंट कम हो जाता है. शोध से इसकी पुष्टि हुई है. विशेषज्ञों के मुताबिक, ज्यादा कॉलिंग प्रजनन क्षमता के लिए खतरनाक साबित हो सकती है.आइए जानते हैं इससे जुड़े तथ्य.

फोन का अधिक इस्तेमाल

एक डीप रिसर्च में पाया गया है की जो पुरुष अपने फोन का अधिक उपयोग करते हैं उनमें कुल स्पर्म संख्या कम होती है. एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि जो पुरुष दिन में 20 से अधिक बार अपने फोन का इस्तेमाल करते हैं, उनमें शुक्राणु एकाग्रता में 21% की कमी और कुल स्पर्म की संख्या में 22% की कमी होती है. कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि लंबे समय तक मोबाइल फोन का उपयोग स्पर्म की गतिशीलता में कमी से जुड़ा है. लंबे समय तक मोबाइल फोन रेडिएशन के संपर्क में रहने से स्पर्म डीएनए विखंडन हो सकता है. मोबाइल फोन रेडिएशन से ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ सकता है, जो पुरुष ब्रीडिंग अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है.

जानें स्पर्म काउंट क्यों कम हो रहा है?

खानपान और हवा के माध्यम से शरीर में एंडोक्राइन डिसरप्टिंग केमिकल पहुंच रहा है, जो दूसरे हार्मोन पर असर डालता है. बहुत अधिक पॉल्यूशन के कारण पुरुषों के शुक्राणुओं की संख्या भी कम हो रही है. अत्यधिक धूम्रपान और शराब पीने से भी स्पर्म की संख्या पर असर पड़ सकता है. मोटापा और गलत चीजें खाने से भी शुक्राणुओं की संख्या कम हो सकती है. पुरुष सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन के असंतुलन के कारण भी स्पर्म की संख्या कम हो जाती है. स्पर्म से संबंधित जेनेटिक रोग, प्राइवेट पार्ट में संक्रमण और यौन रोग गोनोरिया के कारण स्पर्म की संख्या कम होने का खतरा रहता है और फोन का ज्यादा इस्तेमाल भी है.

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