सयान घोष ने बताया कि '26 नवंबर की देर शाम जब मैं और मेरा दोस्त टहलने निकले थे, थोड़ी दूरी पर 4-5 युवकों के एक समूह ने मुझे घेर लिया। उन्होंने मुझसे मेरी पहचान पूछी। जब मैंने उन्हें बताया कि मैं भारत से हूं और हिंदू हूं, तो उन्होंने मुझे लात-घूंसे से पीटना शुरू कर दिया।
नई दिल्लीः सुबह उठते ही बांग्लादेश से हिंदुओं पर अत्याचार की एक नई खबर सुनने को मिल रही है। बांग्लादेशी कट्टरपंथी को भारतीय या हिंदू पहचान पता चलते ही जान लेने के लिए आतुर हो जाते हैं। कोलकाता के एक युवक के साथ बांग्लादेश में उसके साथ भारतीय होने की वजह से मारपीट की गई। ढाका में जब अज्ञात लोगों को पता चला कि वह भारतीय हिंदू है, तो उन्होंने घेरकर उसकी पिटाई की। घटना में युवक के सिर में चोट आई और कई टांके लगे।
सयान घोष ने बताया कि ’26 नवंबर की देर शाम जब मैं और मेरा दोस्त टहलने निकले थे, थोड़ी दूरी पर 4-5 युवकों के एक समूह ने मुझे घेर लिया। उन्होंने मुझसे मेरी पहचान पूछी। जब मैंने उन्हें बताया कि मैं भारत से हूं और हिंदू हूं, तो उन्होंने मुझे लात-घूंसे से पीटना शुरू कर दिया। जब दोस्त ने मुझे बचाने की कोशिश की, तो उस पर भी हमला किया।’
युवक ने बताया, ‘उन्होंने चाकू की नोंक पर मेरा मोबाइल फोन और पर्स भी छीन लिया। कोई भी राहगीर हमारी मदद के लिए आगे नहीं आया। आस-पास कोई पुलिसकर्मी भी नहीं था। घटना के बाद हम श्यामपुर थाने गए, लेकिन उन्होंने कोई शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया।
सयान घोष ने कहा, ‘शिकायत दर्ज करने के बजाय, पुलिस मुझसे बार-बार पूछती रही कि मैं बांग्लादेश क्यों आया हूं। जब मैंने उन्हें अपना पासपोर्ट और वीजा दिखाया और अपने दोस्त और उसके परिवार के सदस्यों से बात कराई, तो वे संतुष्ट हुए और मुझसे मेरे घावों का इलाज करवाने के लिए कहा।’ घोष ने बताया कि अस्पतालों ने उसका इलाज करने से मना कर दिया गया और अंत में उन्हें ढाका मेडिकल कॉलेज और अस्पताल जाना पड़ा।
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