हमारे घर में भगवान की मूर्ति का होना हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का प्रतीक माना जाता है, लेकिन जब यह मूर्ति खंडित हो जाती है, तो इसे शास्त्रों और वास्तुशास्त्र में शुभ संकेत नहीं माना जाता है। यह न केवल अशुभ
नई दिल्ली: हमारे घर में भगवान की मूर्ति का होना हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का प्रतीक माना जाता है, लेकिन जब यह मूर्ति खंडित हो जाती है, तो इसे शास्त्रों और वास्तुशास्त्र में शुभ संकेत नहीं माना जाता है। यह न केवल अशुभता का प्रतीक होता है, बल्कि यह हमारी ऊर्जा और मानसिक शांति पर भी प्रभाव डालता है।
1. नकारात्मक ऊर्जा का आना : खंडित मूर्ति को घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है। यह घर में शांति और समृद्धि को बाधित करता है।
2. अधूरी पूजा: खंडित मूर्ति के माध्यम से पूजा करना अधूरी मानी जाती है। यह भक्त और भगवान के बीच के संबंध को प्रभावित करती है।
3. अशुभ घटनाओं का संकेत: कई बार यह भविष्य में आने वाले अशुभ घटनाओं की ओर भी इशारा हो सकता है।
1. खंडित मूर्ति को तुरंत बदलें: खंडित मूर्ति को तुरंत किसी पवित्र स्थान, जैसे नदी या तालाब में विसर्जित करें।
2. नई मूर्ति स्थापित करें: नई मूर्ति को स्थापित करते समय पूजा विधि का पालन करें और शुभ मुहूर्त में इसे स्थान दें।
3. पवित्रता बनाए रखें: मूर्ति का स्थान हमेशा साफ और पवित्र रखें।
4. पूजा करें: नियमित रूप से पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
– मूर्ति को स्थिर और सुरक्षित स्थान पर रखें।
– मूर्ति को साफ करने के दौरान सावधानी बरतें।
– घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए नियमित रूप से दीपक जलाएं और मंत्रों का जाप करें।
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