शुक्रवार यानी 29 नवंबर को एनसीपी शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद से राज्य में सियासी हलचल और तेज हो गई है। मीटिंग को लेकर जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि वो किसी निजी काम से मिलने गए थे। रही बात मुख्यमंत्री पद न मिलने से नाराज होने की तो कोई चेहरा देखकर कैसे बता सकता है।
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आये हफ्ते हो गए लेकिन मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसका फैसला अब तक नहीं हो पाया है। नई सरकार को लेकर पेंच फंस गया है। मुंबई में शुक्रवार को महायुति की बैठक होने वाली थी, जो अचानक से टल गई क्योंकि कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे अपने गाँव सातारा चले गए। इसी बीच ये भी बताया जा रहा है कि शिंदे नहीं चाहते कि देवेंद्र फडणवीस सीएम बने। उन्होंने भाजपा आलाकमान के सामने में ये बात रखी हैं कि मराठा समुदाय के किसी नेता को सीएम बनाना चाहिए। शिंदे का कहना है कि फड़णवीस को राज्य का शीर्ष पद देने से एक ब्राह्मण फिर मराठा समुदाय को नाराज करेगा।
शिवसेना ने उनके नाराज होने की खबर को अफवाह बताया है। इन सबके बीच पार्टी विधायक संजय शिरसाट ने कहा कि जब भी एकनाथ शिंदे को बड़ा फैसला लेना होता है तो वो अपने गाँव जाते हैं। आज वो कोई बड़ा फैसला लेंगे। इससे पहले एकनाथ शिंदे ने गुरुवार रात दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ एनसीपी नेता अजीत पवार और देवेंद्र फडणवीस भी रहे।
बता दें कि शुक्रवार यानी 29 नवंबर को एनसीपी शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद से राज्य में सियासी हलचल और तेज हो गई है। मीटिंग को लेकर जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि वो किसी निजी काम से मिलने गए थे। रही बात मुख्यमंत्री पद न मिलने से नाराज होने की तो कोई चेहरा देखकर कैसे बता सकता है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति ने शानदार प्रदर्शन किया है जबकि महाविकास अघाड़ी को बड़ा झटका लगा है। शरद पवार की एनसीपी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था। महाविकास अघाड़ी 288 सदस्यीय वाली विधानसभा में सिर्फ 46 सीटें जीत पाई। वहीं महायुति से शानदार प्रदर्शन करते हुए 230 सीटें जीती। इसमें बीजेपी ने 132, शिवसेना( शिंदे गुट) ने 57, और एनसीपी (अजित पवार गुट) ने 41 सीटें जीती।