मात्र 200 रुपए के लिए दीपेश अपने देश से गद्दारी कर रहा था। दीपेश गोहिल ओखा बंदरगाह पर काम करता था और फेसबुक के जरिए पाकिस्तानी जासूस के संपर्क में था। जासूस ने फेसबुक पर 'साहिमा' नाम से दीपेश से दोस्ती की और फिर व्हाट्सएप पर भी उसके संपर्क में रहा।
नई दिल्ली: आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की गुजरात इकाई ने भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के जहाजों की आवाजाही के बारे में संवेदनशील जानकारी साझा करने के आरोप में दीपेश नाम के कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि मात्र 200 रुपए के लिए दीपेश अपने देश से गद्दारी कर रहा था। दीपेश गोहिल ओखा बंदरगाह पर काम करता था और फेसबुक के जरिए पाकिस्तानी जासूस के संपर्क में था।
जासूस ने फेसबुक पर ‘साहिमा’ नाम से दीपेश से दोस्ती की और फिर व्हाट्सएप पर भी उसके संपर्क में रहा। एजेंट ने दीपेश से ओखा बंदरगाह पर खड़ी तटरक्षक नाव का नाम और नंबर पूछा था। एजेंट की पहचान अभी भी स्पष्ट नहीं है। दीपेश को तटरक्षक बल की नावों के बारे में जानकारी भेजने के लिए प्रतिदिन 200 रुपये मिलते थे और उसे पाकिस्तानी एजेंट से 42,000 रुपये मिले भी थे।
एटीएस के मुताबिक दीपेश की ओखा बंदरगाह पर खड़े जहाजों तक अच्छी पहुंच थी। उसे पाकिस्तानी जासूस को जानकारी देने के लिए प्रतिदिन 200 रुपए मिलते थे और चूंकि उसका कोई खाता नहीं था, इसलिए उसने अपने दोस्त के खाते में पैसे ट्रांसफर करवा लिए। इसके बाद उसने अपने दोस्त से नकद पैसे लिए और कहा कि यह वेल्डिंग के काम के पैसे हैं। एजेंट से उसे 42,000 रुपए मिले।
पिछले महीने की शुरुआत में गुजरात एटीएस ने कोस्ट गार्ड बोट के बारे में पाकिस्तानी जासूस को जानकारी भेजने के आरोप में पोरबंदर से पंकज कोटिया नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया था।
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