मिनरल्स हमारे शरीर के सुचारू कार्य के लिए बेहद जरूरी होते हैं। ये हमारे हड्डियों को मजबूत, मांसपेशियों को स्वस्थ, और खून को संतुलित रखते हैं। लेकिन जब शरीर में किसी खास मिनरल की कमी हो जाती है, तो शरीर इसे संकेतों के माध्यम से जाहिर करता है। यदि इन संकेतों को समय पर पहचान लिया जाए, तो सही उपायों के जरिए इसे संतुलित किया जा सकता है।
नई दिल्ली: मिनरल्स हमारे शरीर के सुचारू कार्य के लिए बेहद जरूरी होते हैं। ये हमारे हड्डियों को मजबूत, मांसपेशियों को स्वस्थ, और खून को संतुलित रखते हैं। लेकिन जब शरीर में किसी खास मिनरल की कमी हो जाती है, तो शरीर इसे संकेतों के माध्यम से जाहिर करता है। यदि इन संकेतों को समय पर पहचान लिया जाए, तो सही उपायों के जरिए इसे संतुलित किया जा सकता है।
1. थकान और कमजोरी: शरीर में आयरन की कमी से आपको हमेशा थका हुआ महसूस हो सकता है। आयरन लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए जरूरी है। इसकी कमी से एनीमिया हो सकता है। उपाय के लिए आयरन से भरपूर आहार जैसे पालक, गुड़ और अनार को शामिल करें।
2. मांसपेशियों में खिंचाव या दर्द: कैल्शियम और मैग्नीशियम की कमी के कारण मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द होता है। यह कमी लंबे समय तक बनी रहे तो हड्डियों की समस्या हो सकती है। उपाय के तौर पर दूध, पनीर, और नट्स जैसे खाद्य पदार्थ खाएं।
3. बालों का झड़ना: जिंक और बायोटिन की कमी बालों के झड़ने का प्रमुख कारण हो सकता है। यह शरीर में कोशिकाओं की वृद्धि और मरम्मत के लिए जरूरी होते हैं। इसे रोकने के लिए अंडे, मछली, और साबुत अनाज का सेवन करें।
4. त्वचा का शुष्क और फटा हुआ होना: ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन ई की कमी त्वचा को रूखा बना सकती है। इसका समाधान है मछली का तेल, अखरोट और एवोकाडो।
5. नींद न आना या बेचैनी महसूस करना: पोटैशियम और मैग्नीशियम की कमी के कारण नींद की समस्या हो सकती है। केला, पालक, और बादाम जैसे पोटैशियम और मैग्नीशियम से भरपूर खाद्य पदार्थ आपकी मदद कर सकते हैं।
6. अचानक वजन बढ़ना या कम होना: आयोडीन की कमी थायरॉइड ग्रंथि को प्रभावित कर सकती है, जिससे वजन में अचानक बदलाव होता है। इसके लिए आयोडीन युक्त नमक और समुद्री भोजन का सेवन करें।
7. घाव जल्दी न भरना: विटामिन सी की कमी के कारण शरीर में घाव भरने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। यह त्वचा और इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है। उपाय के लिए संतरा, नींबू और अमरूद जैसे खट्टे फल खाएं।
1. संतुलित आहार लें: विभिन्न प्रकार के फलों, सब्जियों, अनाज, और दालों को अपनी डाइट में शामिल करें।
2. सप्लीमेंट्स: यदि डॉक्टर सलाह देते हैं, तो केवल तभी सप्लीमेंट्स लें।
3. पानी पिएं: पर्याप्त पानी पीने से शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं।
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