संसद में प्रियंका की एंट्री, याद आया 71 साल पुराना मंजर, बना अनोखा रिकॉर्ड

अगर भाई-बहन के लिहाज से देखें तो 71 साल बाद संसद में गांधी-नेहरू परिवार का इतिहास फिर से दोहराया जा रहा है. बता दें 1953 तक संसद में पंडित जवाहरलाल नेहरू और विजयलक्ष्मी पंडित की भाई-बहन की जोड़ी दिखती थी. वहीं अब 71 साल बाद गांधी-नेहरू परिवार से भाई-बहन की जोड़ी संसद में दिख रही है.

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संसद में प्रियंका की एंट्री, याद आया 71 साल पुराना मंजर, बना अनोखा रिकॉर्ड

Shikha Pandey

  • November 28, 2024 5:49 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 hours ago

नई दिल्ली: प्रियंका गांधी आज लोकसभा में वायनाड की सांसद के रूप में शपथ ली. प्रियंका के शपथ लेने के साथ ही गांधी-नेहरू परिवार के 16वें सदस्य की संसद में एंट्री हो गई है. वहीं प्रियंका की एट्री के साथ गांधी परिवार के कई अनोखे रिकॉर्ड भी बन गए हैं. बता दें ऐसा पहली बार हुआ है कि मां सोनिया गांधी राज्‍यसभा सदस्‍य हैं. वहीं उनके दोनों बच्‍चे राहुल और प्रियंका गांधी एक साथ संसद में है. अगर भाई-बहन के लिहाज से देखें तो 71 साल बाद संसद में गांधी-नेहरू परिवार का इतिहास फिर से दोहराया जा रहा है. बता दें 1953 तक संसद में पंडित जवाहरलाल नेहरू और विजयलक्ष्मी पंडित की भाई-बहन की जोड़ी दिखती थी. वहीं अब 71 साल बाद गांधी-नेहरू परिवार से भाई-बहन की जोड़ी संसद में दिख रही है.

सबसे ज्यादा सदस्य

जब पहली लोकसभा का गठन 1951-52 में हुआ था. उस समय लोकसभा में 489 सदस्‍य थे. इनमें से पांच सदस्य गांधी-नेहरू परिवार के थे. पंडित जवाहर लाल नेहरू, उनकी बहन विजयलक्ष्‍मी पंडित, दामाद फिरोज गांधी के साथ ही उमा नेहरू और श्‍योराजवती नेहरू ने चुनाव जीता था. उमा नेहरू के पति श्यामलाल नेहरू पंडित नेहरू के चाचा के बेटे थे. 1953 में विजयलक्ष्मी पंडित संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष चुनी गईं, तो उन्होंने अपनी लखनऊ मध्य लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था.

1977 का साल…

इमरजेंसी के बाद जब 1977 में आम चुनाव हुआ था. इस चुनाव में इंदिरा गांधी रायबरेली से और बेटे संजय गांधी अमेठी सीट से चुनाव हार गए थे. यह पहला मौका था. जब गांधी-नेहरू परिवार का कोई भी सदस्य संसद नहीं पहुंचा था. परंतु एक साल बाद इंदिरा गांधी कर्नाटक की चिकमंगलूर सीट से चुनाव जीत गईं. जब वह चुनाव जीती तब परिवार के लिए एक अनोखी बात यह थी कि ये पहला अवसर थी. जब नेहरू-गांधी परिवार का कोई सदस्य उत्तर प्रदेश के बाहर किसी अन्य राज्य से जीतकर संसद पहुंचा हो.

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