रेलवे में मिलने वाले कंबल एक महीने में कितनी बार धुलते हैं, अश्विनी ने दिया ऐसा जवाब, सांसदों की आंखे फटी रह गई

बुधवार को संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस सवाल का जवाब दिया और बताया कि रेलवे कितनी बार चादरें धुलवाता है। उन्होंने लोकसभा में कहा कि भारतीय रेलवे ट्रेन यात्रियों को दिए जाने वाले कंबलों को महीने में कम से कम एक बार धुलवाता है।

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रेलवे में मिलने वाले कंबल एक महीने में कितनी बार धुलते हैं, अश्विनी ने दिया ऐसा जवाब, सांसदों की आंखे फटी रह गई

Neha Singh

  • November 28, 2024 12:20 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 hours ago

नई दिल्ली: दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक भारतीय रेलवे की ट्रेनों में आपने कभी न कभी तो सफर किया ही होगा। ट्रेनों के एसी कोच में मिलने वाली चादरों, कंबलों और तकियों की सफाई को लेकर अक्सर सवाल उठते रहते हैं। बुधवार को संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस सवाल का जवाब दिया और बताया कि रेलवे कितनी बार चादरें धुलवाता है।

उन्होंने लोकसभा में कहा कि भारतीय रेलवे ट्रेन यात्रियों को दिए जाने वाले कंबलों को महीने में कम से कम एक बार धुलवाता है। उन्होंने सांसदों को यह भी बताया कि रजाई के कवर के तौर पर इस्तेमाल के लिए बेडरोल किट में एक अतिरिक्त चादर भी दी जाती है।

कांग्रेस सांसद ने उठाया था सवाल

कांग्रेस सांसद कुलदीप इंदौरा ने पूछा था कि क्या रेलवे ऊनी कंबलों को महीने में सिर्फ एक बार धुलवाता है, जबकि यात्री बुनियादी स्वच्छता मानकों को पूरा करने वाले बिस्तर के लिए भुगतान कर रहे हैं। प्रश्न के लिखित उत्तर में रेल मंत्री ने कहा, ‘भारतीय रेलवे में इस्तेमाल किए जाने वाले कंबल हल्के होते हैं, इन्हें धोना आसान होता है और ये यात्रियों को अच्छा इन्सुलेशन प्रदान करते हैं, जिससे यात्रा का अनुभव आरामदायक होता है।’ उन्होंने बताया कि धुले हुए लिनन की गुणवत्ता की जांच के लिए व्हाइट-मीटर का उपयोग किया जाता है।

रेलमदद पोर्टल पर शिकायतों के लिए ‘वॉर रूम’

अश्विनी वैष्णव ने यह भी कहा कि रेलवे ने यात्रियों को दिए जाने वाले लिनन और बेडरोल से संबंधित शिकायतों सहित रेलमदद पोर्टल पर दर्ज शिकायतों की निगरानी के लिए जोनल मुख्यालय और मंडल स्तर पर ‘वॉर रूम’ बनाए हैं। उनके अनुसार, ऐसी सभी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जाती है। उन्होंने सदन को यह भी बताया कि पर्यावरण अनुकूल पैकेजिंग का उपयोग करने की पूरी प्रक्रिया के अलावा, रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में लिनन के भंडारण, परिवहन, लोडिंग और अनलोडिंग के लिए बेहतर लॉजिस्टिक्स का उपयोग कर रहा है।

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