हमारे बड़े-बुजुर्ग हमेशा धीरे-धीरे खाने की सलाह देते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों कहा जाता है? धीरे-धीरे खाने की इस आदत के पीछे कई स्वास्थ्य लाभ छिपे हुए हैं। आइए जानते हैं कि यह आदत आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को कैसे बेहतर बना सकती है।
नई दिल्ली: हमारे बड़े-बुजुर्ग हमेशा धीरे-धीरे खाने की सलाह देते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों कहा जाता है? धीरे-धीरे खाने की इस आदत के पीछे कई स्वास्थ्य लाभ छिपे हुए हैं। आइए जानते हैं कि यह आदत आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को कैसे बेहतर बना सकती है।
जब हम धीरे-धीरे खाना चबाते हैं, तो भोजन के छोटे टुकड़े आसानी से पच जाते हैं। चबाने से लार (सलाइवा) बनती है, जो भोजन को पचाने में मदद करती है। अच्छी तरह से चबाया गया भोजन पेट और आंतों पर कम दबाव डालता है।
तेजी से खाने की तुलना में, धीरे-धीरे खाने से हम अपने खाने पर बेहतर नियंत्रण रख पाते हैं। जब हम धीमी गति से खाते हैं, तो हमारा मस्तिष्क 20 मिनट में यह संकेत देता है कि पेट भर चुका है। यह आदत हमें ओवरईटिंग (जरूरत से ज्यादा खाने) से बचाती है।
धीरे-धीरे खाने से शरीर का मेटाबॉलिज्म (चयापचय प्रक्रिया) बेहतर होता है। यह शरीर में ऊर्जा को सही तरीके से उपयोग करने में मदद करता है और मोटापे जैसी समस्याओं को कम करता है।
धीरे-धीरे खाने से ब्लड शुगर का स्तर संतुलित रहता है। यह डायबिटीज़ के मरीजों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है।
धीरे-धीरे खाना एक ध्यान प्रक्रिया (माइंडफुल ईटिंग) की तरह काम करता है। यह आदत तनाव को कम करने और खाने का आनंद लेने में मदद करती है।
1. एक समय पर सिर्फ खाने पर ध्यान दें: टीवी या फोन से ध्यान हटाकर भोजन पर फोकस करें।
2. खाने को 10-15 बार चबाएं: हर निवाले को धीरे-धीरे चबाने की आदत डालें।
3. छोटे निवाले लें: चम्मच या कांटे का उपयोग करें और छोटे हिस्से में खाना उठाएं।
4. जल्दी न करें: खाने के बीच छोटे-छोटे ब्रेक लें।
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