Constitution Day 2024: आज है संविधान दिवस, जानिए आखिर क्या थी 26 नवंबर की तारीख चुनने की बड़ी वजह

संविधान दिवस को याद करने और संविधान की शक्ति को मान्यता देने के लिए इस दिन को मनाया जाता है। यह परंपरा 1930 के लाहौर कांग्रेस अधिवेशन से जुड़ी है जब भारतीयों ने पूर्ण स्वराज की मांग की थी। आइए जानें इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य।

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Constitution Day 2024: आज है संविधान दिवस, जानिए आखिर क्या थी 26 नवंबर की तारीख चुनने की बड़ी वजह

Shweta Rajput

  • November 26, 2024 11:21 am Asia/KolkataIST, Updated 5 hours ago

नई दिल्ली: भारत में आज संविधान दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन भारतीय संविधान की अहमियत और उसकी विशेषताओं को समझने का एक अवसर प्रदान करता है। 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को भारतीय संविधान को सभा द्वारा अपनाया गया था, और इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। संविधान दिवस को याद करने और संविधान की शक्ति को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है। यह परंपरा 1930 के लाहौर कांग्रेस अधिवेशन से जुड़ी है जब भारतीयों ने पूर्ण स्वराज की मांग की थी। आइए जानें इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य।

कब हुई संविधान दिवस की शुरुआत?

संविधान दिवस की शुरुआत 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इससे पहले, 26 नवंबर को केवल संविधान को अपनाने की तारीख के रूप में जाना जाता था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इसे एक राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया, ताकि लोग भारतीय संविधान की भूमिका और इसके महत्व को समझ सकें। डॉ. भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर, 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस मनाने की शुरुआत की थी।

संविधान दिवस का महत्व

भारत का संविधान दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का आधार है, और इसमें भारतीय नागरिकों को मौलिक अधिकारों, न्याय, समानता, और स्वतंत्रता का आश्वासन दिया गया है। भारतीय संविधान न केवल शासन व्यवस्था को नियंत्रित करता है, बल्कि यह देश की सामाजिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी संरक्षित करता है। संविधान में 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियाँ हैं, जो भारतीय लोकतंत्र की संरचना और कार्यप्रणाली को निर्धारित करती हैं।

26 नवंबर की तारीख क्यों?

संविधान दिवस की तारीख 26 नवंबर को क्यों चुनी गई, यह एक महत्वपूर्ण सवाल है। 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा ने संविधान को अपनाया था, हालांकि यह संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। 26 नवंबर का दिन भारतीय लोकतंत्र और संविधान की स्थिरता को दर्शाता है, और यह दिन हमें अपने संविधान के प्रति कृतज्ञता और सम्मान का एहसास कराता है। 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया और इसी दौरान इस अवधि का इस्तेमाल संविधान के पाठ को अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद करने और आम जनता के बीच इसका प्रचार करने में किया गया। हमारे लिए इस बात को ध्यान में रखना काफी जरूरी है कि इस संविधान को बनाने में कुल में दो साल, ग्यारह महीने और अठारह दिन का समय लगा था। इसी दौरान संविधान को लेकर कुल 166 बैठकें कीं। डॉ. बी.आर. आंबेडकर, जो संविधान सभा के अध्यक्ष थे और देश के पहले कानून मंत्री भी रहे, संविधान दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य ही उनको श्रद्धांजलि देना है।

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