महाराष्ट्र में भारी बहुमत से जीत दर्ज करने के बाद महायुति के सहयोगी दलों के बीच मुख्यमंत्री चेहरे पर फैसला होना है. हालांकि, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. बीजेपी ने अकेले 132 सीटें जीतीं और इस तरह महायुति ने 230 सीटें जीतीं. इस बीच यह भी जानकारी सामने आ रही है कि 5 नवनिर्वाचित निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी को अपना समर्थन दिया है.
मुंबई: महाराष्ट्र में भारी बहुमत से जीत दर्ज करने के बाद महायुति के सहयोगी दलों के बीच मुख्यमंत्री चेहरे पर फैसला होना है. हालांकि, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. बीजेपी ने अकेले 132 सीटें जीतीं और इस तरह महायुति ने 230 सीटें जीतीं.
इस बीच यह भी जानकारी सामने आ रही है कि 5 नवनिर्वाचित निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी को अपना समर्थन दिया है. जिसके बाद बीजेपी के पास 138 सीटें हो गई हैं और वह बहुमत से सिर्फ 7 सीट दूर है. महायुति में शामिल एनसीपी ने मुख्यमंत्री पद के लिए देवेन्द्र फड़णवीस को अपना समर्थन दिया है।
दरअसल, महाराष्ट्र में जीत के बाद सीएम पद के लिए दो नामों की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है. बीजेपी की ओर से एक नाम देवेन्द्र फड़णवीस का और शिव सेना से दूसरा नाम एकनाथ शिंदे का सामने आ रहा है. हालांकि बीजेपी के पास सबसे ज्यादा सीटें हैं और इस बार पार्टी अपना सीएम बना सकती है.
वहीं इस समर्थन के बाद शिंदे का पत्ता कट सकता है. शिंदे गुट लगातार शिंदे को सीएम बनाने की मांग कर रहा है. इन सबके बीच देवेन्द्र फड़णवीस ने साफ कर दिया है कि विधायक दल की बैठक के बाद ही सीएम पद के नाम पर मुहर लगेगी. हालांकि, सीएम पद को लेकर फड़णवीस और शिंदे के बीच कोई विवाद सामने नहीं आया है, लेकिन दोनों गुटों के लोगों के बीच खींचतान की खबरें सामने आ रही हैं.
बीजेपी नेता का कहना है कि बीजेपी ने राज्य में सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं, इसलिए मुख्यमंत्री बीजेपी का होना चाहिए, जबकि शिंदे गुट का कहना है कि चुनाव शिंदे के नेतृत्व में लड़ा गया और उनकी प्रिय बहन योजना लागू की जा रही है. इसलिए आज किस नाम पर मुहर लगती है इस पर से पर्दा हट सकता है.
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