इंटरनेट और स्मार्टफोन के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ साइबर स्कैम और ऑनलाइन फ्रॉड के खतरे भी बढ़ गए हैं। भारत में टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने हाल ही में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अगस्त में जारी किए गए निर्देश के तहत, TRAI ने इन नियमों को लागू करने की तारीख को कई बार बढ़ाया और अब यह 1 दिसंबर से लागू होगा।
नई दिल्ली: इंटरनेट और स्मार्टफोन के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ साइबर स्कैम और ऑनलाइन फ्रॉड के खतरे भी बढ़ गए हैं। जहां स्मार्टफोन ने हमारी जिंदगी को आसान बनाया है. वहीं यह स्कैमर्स और साइबर क्रिमिनल्स को भी लोगों को ठगने के नए तरीके दे रहा है। इन खतरों से निपटने के लिए भारत में टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने हाल ही में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
TRAI ने हाल ही में टेलीकॉम कंपनियों को ट्रेसबिलिटी लागू करने के निर्देश दिए थे, ताकि ऑनलाइन फ्रॉड और स्कैम को रोका जा सके। यह कदम विशेष रूप से कॉमर्शियल मैसेज और ओटीपी (One Time Password) से जुड़े नियमों को लागू करने के लिए उठाया गया है। अगस्त में जारी किए गए निर्देश के तहत, TRAI ने इन नियमों को लागू करने की तारीख को कई बार बढ़ाया और अब यह 1 दिसंबर से लागू होगा।
पहले टेलीकॉम कंपनियों के पास 31 अक्टूबर तक का समय था, लेकिन जियो, एयरटेल, वीआई और बीएसएनएल की मांग पर TRAI ने इसकी समय सीमा 30 नवंबर तक बढ़ा दी। अब 1 दिसंबर से इन कंपनियों को ओटीपी और कॉमर्शियल मैसेज की ट्रेसबिलिटी लागू करनी होगी।
अगर 1 दिसंबर से TRAI के निर्देशों का पालन शुरू होता है, तो इसके परिणामस्वरूप OTP मैसेज के आने में कुछ समय लग सकता है। खासकर यदि आप बैंक ट्रांजैक्शन या रिजर्वेशन जैसे काम कर रहे हैं, तो आपको OTP प्राप्त करने में देरी हो सकती है। इसका कारण यह है कि स्कैमर्स कई बार फर्जी ओटीपी मैसेज भेजकर लोगों के डिवाइस का एक्सेस प्राप्त कर लेते हैं, जिससे भारी नुकसान हो सकता है। इसी को रोकने के लिए TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को सख्ती से यह नियम लागू करने के निर्देश दिए हैं।
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