हिंदू धर्म और आयुर्वेद में ब्रह्म मुहूर्त को दिन का सबसे पवित्र समय माना गया है। यह सूर्योदय से लगभग 1.5 घंटे पहले का समय होता है, यानी सुबह के 4 बजे से 5:30 बजे के बीच। "ब्रह्म" का अर्थ है ब्रह्मांडीय ऊर्जा और "मुहूर्त" का अर्थ है समय।
नई दिल्ली: हिंदू धर्म और आयुर्वेद में ब्रह्म मुहूर्त को दिन का सबसे पवित्र समय माना गया है। यह सूर्योदय से लगभग 1.5 घंटे पहले का समय होता है, यानी सुबह के 4 बजे से 5:30 बजे के बीच। “ब्रह्म” का अर्थ है ब्रह्मांडीय ऊर्जा और “मुहूर्त” का अर्थ है समय। इसे ध्यान, योग, और आत्मिक जागरूकता के लिए आदर्श समय माना जाता है।
ब्रह्म मुहूर्त में उठना न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। इस समय वातावरण शुद्ध और शांत रहता है, और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह अधिक होता है।
1. स्वास्थ्य के लिए लाभकारी: इस समय उठने से शरीर का मेटाबॉलिज्म तेज होता है। आयुर्वेद के अनुसार, यह समय वात दोष का होता है, जो शरीर को हल्का और ऊर्जावान महसूस कराता है। सुबह जल्दी उठने वाले लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं कम होती हैं।
2. मस्तिष्क की सेहत में सुधार: सुबह के शांत वातावरण में मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती है। इस समय किया गया अध्ययन या ध्यान लंबे समय तक याद रहता है।
3. योग और ध्यान के लिए लाभकारी: ब्रह्म मुहूर्त में वातावरण का ऑक्सीजन स्तर अच्छा होता है, जो योग और ध्यान के लिए अनुकूल है। यह समय मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति प्रदान करता है।
4. मानसिक तनाव में कमी: नियमित रूप से ब्रह्म मुहूर्त में उठने से तनाव और चिंता कम होती है। यह शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करता है, जो तनाव का प्रमुख कारण है।
5. आध्यात्मिक उन्नति: इस समय की गई प्रार्थना और ध्यान से आत्मिक शक्ति बढ़ती है। इसे भगवान के साथ जुड़ने का सबसे अच्छा समय माना जाता है।
– रात में जल्दी सोने की आदत डालें।
– एक निश्चित समय पर अलार्म सेट करें।
– ब्रह्म मुहूर्त में उठने के फायदे के बारे में सोचकर खुद को प्रेरित करें।
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