मूड स्विंग कई कारणों से हो सकता है

मूड स्विंग्स मुख्य रूप से हार्मोनल असंतुलन की वजह से होते हैं

महिलाओं में खासकर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन के स्तर में बदलाव से मूड स्विंग हो सकता है

यह बदलाव पीरियड्स, गर्भावस्था, पेरिमेनोपॉज, और मेनोपॉज के दौरान हो सकता है

वहीं पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन की कमी और कोर्टिसोल हॉर्मोन की बढ़ोतरी से मूड स्विंग हो सकता है

इसके अलावा थायरॉइड हॉर्मोन मेटाबॉलिज्म और मूड दोनों को नियंत्रित करता है

हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म जैसी स्थिति में यह संतुलन बिगड़ सकता है

इसके अलावा, शरीर में विटामिन बी12, फोलेट और ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी भी मूड स्विंग हो सकता है.मूड स्विंग को कम करने के लिए रोजाना कम से कम 8 घंटे की नींद लें सकते हैं