महिलाओं में खासकर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन के स्तर में बदलाव से मूड स्विंग हो सकता है
वहीं पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन की कमी और कोर्टिसोल हॉर्मोन की बढ़ोतरी से मूड स्विंग हो सकता है
इसके अलावा, शरीर में विटामिन बी12, फोलेट और ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी भी मूड स्विंग हो सकता है.मूड स्विंग को कम करने के लिए रोजाना कम से कम 8 घंटे की नींद लें सकते हैं