अपनी ही बेटी से एक मुस्लिम पिता ने चौथी शादी रचाई है। इस मामले को लेकर लोगों की मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। बाप-बेटी की शादी को कुछ लोग एक व्यक्तिगत निर्णय मान रहे हैं, जबकि कई लोग इसे सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण से गलत मानते हैं।
नई दिल्ली: सोशल मीडिया से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां अपनी ही बेटी से एक मुस्लिम पिता ने चौथी शादी रचाई है। इस मामले के सामने आने के बाद यह लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। अब इस घटना से जुड़ी एक हैरान करने वाली वजह सामने आई है, जो बेटी ने खुद बताई।
इस घटना की जानकारी खुद शख्स की बेटी ने दी है। बेटी का कहना है कि उसके पिता का चोथी बार शादी करने का फैसला मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक समस्याओं को बेहतर बनाने के लिए था। बेटी का कहना है कि- उसके पिता का मानना था कि लगातार शादी करने से उन्हें मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है। उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम को उन्होंने अपनी भावनाओं के आधार पर लिया था और उन्हें इस पर कोई पछतावा नहीं है। इस बारे में पिता का कहना है कि- उन्होंने यह कदम पारिवारिक विवादों और अपने जीवन को फिर से खुशहाल बनाने के लिए उठाया था। उनकी पहली तीन शादियों में कुछ कारणों से अलगाव हो गया था और वे इस बार खुद को मानसिक रूप से संतुलित और बेहतर महसूस करने के लिए किसी नए रिश्ते में बंधना चाहते थे।
इस मामले को लेकर लोगों की मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। बाप-बेटी की शादी को कुछ लोग एक व्यक्तिगत निर्णय मान रहे हैं, जबकि कई लोग इसे सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण से गलत मानते हैं। इस पर धार्मिक नेताओं ने भी काफी आपत्ति जताई है और इसे शरीयत के खिलाफ बताया है। इस शादी को लेकर बेटी का कहना है कि-अपने पिता के फैसले को वह पूरी तरह से समझती है, लेकिन वह चाहती है कि सभी समाज के लोग और परिवार के लोग उनको समझे। उसने यह भी कहा कि उसके पिता ने जो निर्णय लिया, वह परिवार की शांति के लिए था, और उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है। सोशल मीडिया और खबरों में इस घटना ने हलचल मचा दी है। लोग इस पर विभिन्न राय दे रहे हैं और कुछ लोग इसे क परिवारिक समस्या का हल बता रहे हैं।
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