10 वर्षीय हिंदू लड़की को उसके घर के बाहर से अपहरण कर लिया गया। पीड़िता को अगवा करने के बाद उस पर जबरन इस्लाम धर्म अपनाने को लेकर दवाब बनाया गया। इस घटना से न केवल अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन हुआ है बल्कि यह घटना मानवता पर भी सवाल खड़े करती है।
नई दिल्ली: पाकिस्तान के सिंध प्रांत से फिर एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां 10 साल की नाबालिग हिंदू लड़की को पहले अगवा किया गया। इसके बाद अब पीड़िता को विवाह के लिए मजबूर किया गया। इस घटना से न केवल अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन हुआ है बल्कि यह घटना मानवता पर भी सवाल खड़े करती है।
जानकारी के अनुसार यह मामला पाकिस्तान में सिंध प्रांत के मीरपुरखास जिले का बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि 10 वर्षीय हिंदू लड़की को उसके घर के बाहर से अपहरण कर लिया गया। पीड़िता को अगवा करने के बाद उस पर जबरन इस्लाम धर्म अपनाने को लेकर दवाब बनाया गया। इसके बाद शाहिद तालपुर नामक व्यक्ति से पीड़िता की जबरन शादी करा दी गई। इस घटना की सूचना मिलने के बाद सिंध पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी अनवर अली तालपुर ने कार्रवाई की।
पुलिस ने लड़की को सुरक्षित बचाकर उसे उसके परिवार को सौंप दिया। सिंध प्रांत में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के बीच एक राहत की खबर है। पाकिस्तान में हिंदू, सिख और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ होने वाले अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं. जबरन धर्मांतरण, अपहरण और हिंसा की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि वहां अल्पसंख्यक असहाय स्थिति में जीने को मजबूर हैं। बताया जा रहा है कि हिंदू समुदाय की नाबालिग लड़कियां सिंध के ग्रामीण इलाकों में सबसे अधिक असुरक्षित हैं। उनको अगवा कर बाल विवाह और जबरन धर्मांतरण के मामले आम हो चुके हैं। यह घटना समाज और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है।
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