अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसी दौरान एक ऐसी घटना घटी जिसने सभी को चौंका दिया. एक सवाल पर अखिलेश भड़क गये. उसे इतना गुस्सा आया कि शायद वह भूल गया कि सामने वाले से बात करने का तरीका क्या होना चाहिए. उसे इतना गुस्सा आया कि शायद वह भूल गया कि सामने वाले से बात करने का तरीका क्या होना चाहिए. उसका क्रोध उसकी बुद्धि पर हावी हो गया।
लखनऊ: बुधवार को पार्टी मुख्यालय पर अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसी दौरान एक ऐसी घटना घटी जिसने सभी को चौंका दिया. एक सवाल पर अखिलेश भड़क गये. उसे इतना गुस्सा आया कि शायद वह भूल गया कि सामने वाले से बात करने का तरीका क्या होना चाहिए. उसका क्रोध उसकी बुद्धि पर हावी हो गया।
दरअसल, बीजेपी के बुर्के को लेकर एक पत्रकार के सवाल पर अखिलेश भड़क गए. उन्होंने कहा, ‘मेरी राजीव कुमार जी से बात हुई है, आप उनसे बड़े तो नहीं हैं? क्या आप उससे बड़े हैं? तभी अखिलेश ने अपनी बाईं ओर देखकर पत्रकार को कागज देने के लिए कहा और कहा कि इसे दिखाओ, मुझे दे दो, वह इसे पढ़ लेगा. इसके बाद जब दूसरे पत्रकार ने कहा कि सर पढ़ लिया है तो अखिलेश ने कहा, ‘तो ऐसी बात नहीं करनी चाहिए. इसके बाद पत्रकार ने कहा कि ये बात बीजेपी ने कही है.
इस पर अखिलेश ने कहा, ‘तो बताओ, ये बात बीजेपी कह रही है. आप अपने आप से ऐसा क्यों कह रहे हैं?’ उन्होंने आगे कहा कि हम चुनाव आयोग को बता सकते हैं. क्या आप राजीव कुमार जी से बड़े हैं? हमने उनसे शिकायत की ऐसी घटनाएं हो रही हैं. अखिलेश ने कहा कि मथुरा में आपके दोस्त को नंगा करके पीटने वाली बीजेपी को आप सच मानेंगे. क्या आप नहीं समझते कि बुर्के पर बयान के पीछे बीजेपी की मंशा क्या है, वो भी सिर्फ मुस्लिम वोटरों के कारण. मतदान केंद्र के बाहर से पहचान पत्र न देने के मामले में अखिलेश ने कहा कि वह इसकी जांच कराएंगे. अखिलेश ने कहा कि उनकी गद्दी का समाधान हो रहा है. सिंहासन नहीं बचेगा.
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