झारखंड चुनाव में पाकिस्तान की एंट्री! रांची और कराची के नाम पर मांगा वोट

कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर लोगों को बांटने का आरोप लगाते हुए गिरिराज सिंह ने कहा, वे 'वोट जिहाद' की बात कर रहे हैं। उनका मकसद बहुसंख्यक समुदाय के वोटों को बांटना है।

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झारखंड चुनाव में पाकिस्तान की एंट्री! रांची और कराची के नाम पर मांगा वोट

Manisha Shukla

  • November 19, 2024 8:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 hours ago

पटना : चुनाव जैसे जैसे पास आने लगता है नेताओं के बयान में पाकिस्तान की एंट्री हो ही जाती है। अब केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने भी कुछ ऐसा ही किया है। पटना में बैठे-बैठे मंत्री गिरिराज सिंह ने झारखंड में सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस गठबंधन पर हमला बोला दिया हैं। उन्होंने कहा कि CM राजधानी रांची को कराची में बदल देंगे। यह बयान उन्होंने पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए दिया। झारखंड में दूसरे चरण का चुनाव 20 नवंबर को 38 सीटों होगा।

कांग्रेस के सहयोगी हमें बांट देंगे

गिरिराज ने कहा, “हेमंत सोरेन और कांग्रेस मिलकर रांची को कराची और दुमका, देवघर और साहिबगंज जिलों को बांग्लादेश बनाना चाहते हैं। कांग्रेस और उसके सहयोगी हमें बांटना चाहते हैं। झारखंड में आखिरी चरण के मतदान से एक दिन पहले मैं लोगों से अपनी बेटियों और बहुओं की सुरक्षा के लिए वोट करने का आग्रह करता हूं।”

वोट ‘जिहाद’ की बात

कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर लोगों को बांटने का आरोप लगाते हुए गिरिराज सिंह ने कहा, वे ‘वोट जिहाद’ की बात कर रहे हैं। उनका मकसद बहुसंख्यक समुदाय के वोटों को बांटना है। लोगों को ऐसा नहीं होने देना चाहिए।

धर्मांतरण पर कांग्रेस क्यों चुप है

बिहार के बक्सर, मोतिहारी, बेगूसराय और लखीसराय जिलों में धर्मांतरण के आरोपों पर गिरिराज ने कहा कि ऐसी गतिविधियों में शामिल प्रचारकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह काफी चौंकाने वाली बात है कि मिशनरियों द्वारा की जा रही धर्मांतरण गतिविधियों पर राजद और कांग्रेस के नेता चुप्पी साधे हुए हैं।

खड़गे कांग्रेस की कठपुतली हैं

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा भाजपा और आरएसएस की तुलना जहर से करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “भले ही वह कांग्रेस की कठपुतली हैं, लेकिन उन्हें इस तरह के असंसदीय और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। दरअसल, कांग्रेस के नेता अपने भाषणों में जहरीले शब्दों का इस्तेमाल मतदाताओं को सांप्रदायिक आधार पर बांटने के उद्देश्य से करते हैं।”

 

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