नई दिल्ली: दिल्ली और उत्तर भारत में प्रदूषण की समस्या से झूझ रहा है. वहीं पंजाब में पराली जलाने के मामले बढ़ते जा रहे है. जिससे इलाके में वायु गुणवत्ता की समस्या और बढ़ गई है. पंजाब में 18 नवंबर, 2024 को 1251मामलाओं के साथ इस सीज़न में पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले दर्ज […]
नई दिल्ली: दिल्ली और उत्तर भारत में प्रदूषण की समस्या से झूझ रहा है. वहीं पंजाब में पराली जलाने के मामले बढ़ते जा रहे है. जिससे इलाके में वायु गुणवत्ता की समस्या और बढ़ गई है. पंजाब में 18 नवंबर, 2024 को 1251मामलाओं के साथ इस सीज़न में पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए है.
हरियाणा में 36 मामले दर्ज की गईं है. बता दें 31 अक्टूबर को 42 मामले दर्ज किए गए थे. इसके बाद ये मामले सबसे ज्यादा है. वहीं राजस्थान में 18 नवंबर को 152 मामले सामने आए. ये नवंबर की शुरुआत में दर्ज किए गए 119 मामलों से ज्यादा है. हवा का रूख दिल्ली के पक्ष में नहीं है. जिसके वजह से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से उत्पन्न होने वाले प्रदूषक तत्व उड़कर राजधानी की तरफ आ रही है. जिसके वजह से वायु गुणवत्ता खराब हो रहा है.
अब ऐसा समय आ गया है कि राजधानी और उसके पड़ोसी राज्य इतिहास के सबसे खराब वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं. हवा में खतरनाक कणों की मात्रा गंभीर स्तर तक बढ़ गई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानक प्रोटोकॉल का पालन करते हुए,सैटेलाइट डेटा ने 18 नवंबर को 6 भारत के राज्यों में पराली जलाने की 2,211 मामलों की पहचान की है.
पंजाब 1,251 घटनाओं के साथ सबसे आगे है.यूपी और मध्य प्रदेश जैसे अन्य राज्यों में पराली जलाने की 133 और 639 मामले दर्ज की गई हैं. पाकिस्तान में पराली जलाने की मामलों में वृद्धि देखी जा रही है. इसके वजह से सीमा पार भी वायु प्रदूषण की चुनौतियां बढ़ रही हैं. 15 सितंबर से 18 नवंबर, 2024 तक तक पूरे इलाके में कुल मिलाकर 27,319 ऐसी घटनाएं दर्ज की गई हैं.
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