पटना: जनता दल-यूनाइटेड (जेडी-यू) के राष्ट्रीय महासचिव गुलाम रसूल बलियावी ने रविवार को दावा किया कि झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाली सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय को निराश किया है। उन्होंने यह भी सवाल किया कि ‘भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन’ (भारत) गठबंधन ने राज्य के कोल्हान क्षेत्र की 14 विधानसभा सीटों […]
पटना: जनता दल-यूनाइटेड (जेडी-यू) के राष्ट्रीय महासचिव गुलाम रसूल बलियावी ने रविवार को दावा किया कि झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाली सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय को निराश किया है। उन्होंने यह भी सवाल किया कि ‘भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन’ (भारत) गठबंधन ने राज्य के कोल्हान क्षेत्र की 14 विधानसभा सीटों में से किसी पर भी मुस्लिम उम्मीदवार क्यों नहीं उतारा। बलियावी ने यह भी आरोप लगाया कि झारखंड सरकार ने मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया.
इस दौरान बलियावी ने कहा कि हेमंत सोरेन को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीखना चाहिए कि उन्होंने कैसे राजधर्म अपनाया और विकास के लिए काम किया. बता दें कि कोल्हान क्षेत्र में पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिले शामिल हैं, जहां गुलाम रसूल बलियावी जेडीयू उम्मीदवार सरयू राय का समर्थन करने पहुंचे थे. जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री सरयू राय इस बार जदयू के टिकट पर जमशेदपुर पश्चिमी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और उन्हें झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से चुनौती मिल रही है।
बलियावी ने सीएम हेमंत सोरेन से सवाल पूछा कि आपने मदरसा बोर्ड का गठन क्यों नहीं किया और न ही इसके लिए कोई ठोस कदम उठाया और नाही उर्दू अकादमी के गठन किया. उन्होंने कहा कि अगर सरकार वास्तव में अल्पसंख्यकों के हितों के लिए काम करना चाहती तो महत्वपूर्ण मुद्दों का तुरंत समाधान किया गया होता.
वहीं इसके साथ ही बलियावी ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर भी सोरेन को घेरते को कहा कि मॉब लिंचिंग की घटनाओं में अपराधियों को सजा दिलाने के लिए आखिर सरकार ने क्या किया? यहां तक कि जब मॉब लिंचिंग के अपराधी पकड़े भी गए तो उन्हें सजा देने में सरकार ने ढिलाई बरती.
जबकि ऐसे अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन अफसोस की बात है कि सरकार इसमें विफल रही. बलियावी ने कहा कि हेमंत सोरेन को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीखना चाहिए कि उन्होंने कैसे राजधर्म अपनाया और विकास के लिए काम किया.
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