नई दिल्ली: प्रयागराज के संगम पर महाकुंभ का मंच सज चुका है. जनवरी में हिंदू धर्म का सबसे बड़ा समागम होने जा रहा है. इस पवित्र सभा में मुसलमानों के संभावित प्रवेश को लेकर विवाद छिड़ गया है. वहीं एक समूह का तर्क है कि मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगा दिया जाना चाहिए, जबकि […]
नई दिल्ली: प्रयागराज के संगम पर महाकुंभ का मंच सज चुका है. जनवरी में हिंदू धर्म का सबसे बड़ा समागम होने जा रहा है. इस पवित्र सभा में मुसलमानों के संभावित प्रवेश को लेकर विवाद छिड़ गया है. वहीं एक समूह का तर्क है कि मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगा दिया जाना चाहिए, जबकि दूसरा समूह का कहना कि उन्हें प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए. इस मामले पर ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अपनी राय रखी है. उन्होंने कहा, मुसलमानों का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल मक्का शरीफ वहां पर गैर-मुसलमानों को 40 किलोमीटर पहले ही रोक दिया जाता है. इसलिए कुंभ में मुसलमानों का कोई काम नहीं है और वैसे भी मुसलमानों ने कोई मांग नहीं की. राजनीतिक दलों ने सिर्फ माहौल बनाने का काम किया है.
महाराष्ट्र चुनाव को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा बीते 78 सालों में प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने जो काम नहीं किया है. वह वर्तमान में महाराष्ट्र के सीएम ने किया है. हम चाहते हैं कि उनकी सरकार की फिर से वापसी हो.
गाय की हत्या के मुद्दे पर शंकराचार्य ने कहा हमें कश्मीर के मुसलमानों ने कहा कि गौहत्या पर स्वामी जी कड़ा कानून बनाइये. गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए हमें मुसलमानों और ईसाइयों का भी समर्थन मिलता है. अगर योगी सरकार गौ माता को गौ माता का दर्जा दे दे तो हर चीज का नाम उनके नाम पर हो जाएगा. हम मठों को उनके नाम कर देंगे और उनके सेवक बन जायेंगे.