कार्तिक पूर्णिमा: कब और क्यों मनाई जाती है? जाने कारण और महत्व

नई दिल्ली: कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे हर साल कार्तिक महीने की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 12 नवंबर को मनाई जाएगी। इसे ‘देव दीपावली’ भी कहा जाता है और इसे धार्मिक दृष्टि से बेहद पवित्र और शुभ माना गया है। कार्तिक पूर्णिमा का खास […]

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कार्तिक पूर्णिमा: कब और क्यों मनाई जाती है? जाने  कारण और महत्व

Shweta Rajput

  • November 8, 2024 1:29 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 weeks ago

नई दिल्ली: कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे हर साल कार्तिक महीने की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 12 नवंबर को मनाई जाएगी। इसे ‘देव दीपावली’ भी कहा जाता है और इसे धार्मिक दृष्टि से बेहद पवित्र और शुभ माना गया है। कार्तिक पूर्णिमा का खास महत्व है क्योंकि इस दिन स्नान, दान और पूजा-पाठ का विशेष लाभ मिलता है।

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा का दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन त्रिपुरासुर नामक राक्षस का संहार भगवान शिव ने किया था। इस विजय के उपलक्ष्य में देवताओं ने दीप जलाकर खुशी मनाई थी। इसलिए इस दिन को ‘देव दीपावली’ के रूप में भी मनाया जाता है।

कार्तिक मास को भगवान विष्णु का महीना भी माना गया है। इस पूरे महीने में भक्त भगवान विष्णु के लिए व्रत रखते हैं और कार्तिक पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से उनका पूजन करते हैं। इस दिन गंगा, यमुना, नर्मदा, और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी पापों से मुक्ति मिलती है।

कार्तिक पूर्णिमा के धार्मिक कार्य

कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्रद्धालु प्रातःकाल नदी, तालाब या पवित्र जल में स्नान करते हैं। इसके बाद भगवान विष्णु, भगवान शिव और तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है। इस दिन दीपदान, भजन-कीर्तन, और मंदिरों में जाकर भगवान के दर्शन करना विशेष महत्व रखता है। साथ ही, इस दिन का संबंध दान-पुण्य से भी है। लोग इस दिन गरीबों को दान-दक्षिणा देते हैं, जिससे उन्हें पुण्य प्राप्त होता है।

कैसे मनाई जाती है कार्तिक पूर्णिमा?

कार्तिक पूर्णिमा पर लोग गंगा किनारे दीप जलाते हैं, जिसे ‘दीपदान’ कहते हैं। वाराणसी, हरिद्वार, प्रयागराज, और अन्य पवित्र स्थानों पर इस दिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। वाराणसी में इस दिन विशेष रूप से देव दीपावली का आयोजन होता है, जिसमें गंगा के घाटों को दीपों से सजाया जाता है। हजारों दीप जलाकर एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया जाता है, जिससे घाटों की सुंदरता बढ़ जाती है।

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