घेराबंदी और तलाशी बाद चुन-चुन के ढेर हुए आतंकी…. सेना ने दो को पहुंचाया जहन्नुम

श्री नगर : जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का सफाया करने में लगे भारतीय सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली है. कुपवाड़ा और बांदीपोरा में सेना ने पहले आतंकियों को चारों तरफ से घेरा, इसके बाद एक-एक कर उन्हें ढेर किया. आतंकियों के खिलाफ यह ऑपरेशन मंगलवार से ही चल रहा है. उत्तरी कश्मीर में चल रहे […]

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घेराबंदी और तलाशी बाद चुन-चुन के ढेर हुए आतंकी…. सेना ने दो को पहुंचाया जहन्नुम

Manisha Shukla

  • November 6, 2024 6:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 weeks ago

श्री नगर : जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद का सफाया करने में लगे भारतीय सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली है. कुपवाड़ा और बांदीपोरा में सेना ने पहले आतंकियों को चारों तरफ से घेरा, इसके बाद एक-एक कर उन्हें ढेर किया. आतंकियों के खिलाफ यह ऑपरेशन मंगलवार से ही चल रहा है. उत्तरी कश्मीर में चल रहे इन ऑपरेशन के दौरान दो आतंकी मारे गए.

इस ऑपरेशन के दौरान दो सुरक्षाकर्मी भी गोली लगने से घायल हो गए. उनका इलाज किया जा रहा है. ऑपरेशन अभी भी जारी है. भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “बांदीपोरा के ओपी कैट्सन में चल रहे ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने एक आतंकी को मार गिराया है. ऑपरेशन अभी भी जारी है”

सेना ने कैसे ऑपरेशन को अंजाम दिया

इससे पहले मंगलवार को आतंकियों से मुठभेड़ के बाद भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ ने बांदीपोरा के चुंतवारी कैट्सन इलाके में संयुक्त अभियान चलाया था। पुलिस ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में मंगलवार को मुठभेड़ में एक अज्ञात आतंकवादी मारा गया जबकि दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना के आधार पर बांदीपोरा के चुंतपाथरी वन क्षेत्र में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था। चारों तरफ से घिर जाने के बाद आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी थी। अधिकारी ने बताया कि गोलीबारी में एक आतंकवादी मारा गया, जबकि सेना का एक जवान और सीआरपीएफ का एक जवान घायल हो गया।

पहले भी हुई थी मुठभेड़

इससे पहले 2 नवंबर को सेना ने जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में मुठभेड़ के दौरान दो आतंकवादियों को मार गिराया था 20 अक्टूबर को गंदेरबल जिले में श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक सुरंग निर्माण स्थल पर आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में एक डॉक्टर और छह निर्माण श्रमिकों की मौत हो गई थी। इस घटना का बदला लिया गया।

 

 

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