नई दिल्लीः 3 नवंबर को ब्रैम्पटन हिंदू सभा मंदिर के पास खालिस्तानी चरमपंथियों और भारतीय तिरंगा थामे एक समूह के बीच झड़प हुई थी। खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने विरोधी समूह पर हमला किया। इस दौरान कई लोग सुरक्षा की तलाश में मंदिर परिसर में भाग गए, जिससे चरमपंथियों ने मंदिर पर हमला कर दिया। प्रदर्शन ने […]
नई दिल्लीः 3 नवंबर को ब्रैम्पटन हिंदू सभा मंदिर के पास खालिस्तानी चरमपंथियों और भारतीय तिरंगा थामे एक समूह के बीच झड़प हुई थी। खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने विरोधी समूह पर हमला किया। इस दौरान कई लोग सुरक्षा की तलाश में मंदिर परिसर में भाग गए, जिससे चरमपंथियों ने मंदिर पर हमला कर दिया। प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। इस दौरान खालिस्तानी चरमपंथियों ने मंदिर के श्रद्धालुओं पर हमला किया।
इस हमले के बाद हिंदुओं ने मंदिर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान मंदिर के पुजारी ने कहा कि यह हमला कनाडा में रहने वाले हिंदू समुदाय पर नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के हिंदुओं पर है। उन्होंने कनाडा में मंदिर के बाहर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के नारे को दोहराते हुए कहा कि अगर बंटोगे तो कटोगे।
कनाडा के ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने एक बयान जारी कर खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर किए गए हमले की कड़ी निंदा की। ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “हमने आज (3 नवंबर) टोरंटो के पास ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के सहयोग से आयोजित वाणिज्य दूतावास शिविर के बाहर भारत विरोधी तत्वों द्वारा हिंसक व्यवधान देखा है। यह देखना बेहद निराशाजनक है कि समारोहों में इस तरह के व्यवधान पैदा किए जा रहे हैं। हम भारतीय नागरिकों सहित आवेदकों की सुरक्षा के लिए भी बहुत चिंतित हैं।”
इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी हमले की निंदा की और कहा कि हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है। ट्रूडो ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में आज जो हिंसा हुई, वह अस्वीकार्य है। हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है।
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