नई दिल्ली: रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 0-3 से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. भारतीय टीम को पहली बार घरेलू मैदान पर तीन या अधिक मैचों की टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा. साथ ही 24 साल बाद टीम इंडिया का घर […]
नई दिल्ली: रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 0-3 से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. भारतीय टीम को पहली बार घरेलू मैदान पर तीन या अधिक मैचों की टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा. साथ ही 24 साल बाद टीम इंडिया का घर में टेस्ट सीरीज में सफाया हो गया है. इससे पहले दक्षिण अफ्रीका ने साल 2000 में दो मैचों की टेस्ट सीरीज में उनका सफाया किया था.
शर्मनाक हार के बाद भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर भी सवालों के घेरे में हैं. गंभीर ने करीब चार महीने पहले बड़े तामझाम के साथ मुख्य कोच का पद संभाला था. लेकिन टेस्ट सीरीज की हार ने उन्हें काफी दबाव में डाल दिया है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भी गंभीर को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए चयन समिति की बैठक में शामिल होने की विशेष अनुमति दी थी. अब शुरुआती रिपोर्ट्स से पता चलता है कि गंभीर के लिए चीजें अच्छी नहीं दिख रही हैं.
गौतम गंभीर का सिद्धांत है कि चाहे कुछ भी हो ऐसे ही खेलते रहना चाहिए. ये ऐसी बात है जो भारतीय क्रिकेट से जुड़े लोग भी नहीं समझ पा रहे हैं. मुंबई टेस्ट में मोहम्मद सिराज को नाइटवॉचमैन के तौर पर उतारना और पहली पारी में सरफराज खान को नंबर-8 पर भेजना कुछ ऐसे रणनीतिक कदम हैं जिन पर सवाल उठना लाजमी है.मुख्य कोच के आदेश पर कम से कम दो खिलाड़ी – तेज गेंदबाज हर्षित राणा और ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टीम में हैं. राणा को श्रीलंका या बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू सीरीज के दौरान डेब्यू करने का मौका नहीं मिला. ऐसी खबरें थीं कि आखिरी मैच से पहले उन्हें छुट्टी दे दी गई थी क्योंकि वह अस्वस्थ थे, लेकिन एक हफ्ते के भीतर ही वह बेंगलुरु में नेट्स पर गेंदबाजी करने लगे. फिर उन्होंने रणजी ट्रॉफी में असम के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया.
अगर हर्षित राणा को इंडिया-ए टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया भेजा जाता तो वहां की उछाल भरी पिचों पर मैच खेलने से उन्हें आगामी टेस्ट सीरीज के लिए अनुभव मिल जाता. इसके बजाय, उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ श्रृंखला में नेट गेंदबाज के रूप में शामिल किया गया था, जिसमें तीन में से दो पिचें रैंक टर्नर थीं.नीतीश की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया-ए के खिलाफ मैच में उन्हें शॉर्ट बॉल के सामने दिक्कत हुई थी और उनका गेंदबाजी फॉर्म भी अच्छा नहीं दिख रहा था. गंभीर को भरोसा था कि वह तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में हार्दिक पंड्या के लिए आदर्श प्रतिस्थापन हो सकते हैं. अब गंभीर के लिए ऑस्ट्रेलिया सीरीज किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगी. बोर्ड उन पर साइडलाइन से नजर रख रहा है.
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