नई दिल्लीः पिछले दो साल से रूस-यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध थमने के बजाय और गंभीर होता जा रहा है। इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उत्तर कोरिया से हाथ मिला लिया है, जिससे यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की चिंता बढ़ गई है। वोलोदिमीर जेलेंस्की ने उत्तर कोरिया के युद्ध में शामिल […]
नई दिल्लीः पिछले दो साल से रूस-यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध थमने के बजाय और गंभीर होता जा रहा है। इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उत्तर कोरिया से हाथ मिला लिया है, जिससे यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की चिंता बढ़ गई है। वोलोदिमीर जेलेंस्की ने उत्तर कोरिया के युद्ध में शामिल होने को लेकर चेतावनी जारी की। जेलेंस्की ने इस मुद्दे पर चीन की चुप्पी पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने यूक्रेन के खिलाफ चल रहे युद्ध में उत्तर कोरियाई सैनिकों को शामिल करने के रूस के फैसले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि ‘रूस ने उत्तर कोरिया के साथ खुलकर भागीदारी की है और करीब 35 लाख तोपें खरीदी हैं। उन तोपों और मिसाइलों का इस्तेमाल हमारे लोगों के खिलाफ किया गया था लेकिन अब वे महज हथियार नहीं रह गए हैं। हमारे पास जानकारी है कि 3,000 उत्तर कोरियाई सैनिक इस समय प्रशिक्षण शिविर में हैं और जल्द ही यह संख्या बढ़कर 12,000 सैनिकों और अधिकारियों तक पहुंचने की उम्मीद है।’
उन्होंने आगे कहा ‘उत्तर कोरियाई सैनिकों ने अभी तक युद्ध में हिस्सा नहीं लिया है, लेकिन यह महीनों नहीं, कुछ दिनों की बात है। जब वे तैनात होंगे, तो उन्हें आगे बढ़ाया जाएगा, जिससे उन्हें भारी नुकसान होगा, क्योंकि रूस अपने सैनिकों की संख्या को कम से कम करने की कोशिश कर रहा है।’
जेलेंस्की ने मौजूदा हालात पर चीन के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, ‘उत्तर कोरिया की हरकतें बेतरतीब नहीं हैं। उनके रणनीतिक लक्ष्य हैं। मैं चीन की चुप्पी से हैरान हूं। मैं यह नहीं कह सकता कि चीन हमारे पक्ष में है, लेकिन क्षेत्रीय सुरक्षा गारंटर के रूप में उसकी चुप्पी आश्चर्यजनक है। एशियाई सुरक्षा गठबंधन का समय आ गया है। जापान और दक्षिण कोरिया दोनों ही मजबूत और सभ्य राष्ट्र हैं। उत्तर कोरिया की आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए चीन से संपर्क करना आवश्यक हो सकता है, क्योंकि उत्तर कोरिया सक्रिय रूप से उस क्षेत्र को युद्ध में धकेल रहा है। उनकी हरकतें संयोग नहीं हैं, वे बदले में रूस का समर्थन चाहते हैं।’
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