पटाखा बैन पर भड़के धीरेंद्र शास्त्री, बोले- बकरीद में लाखों बकरे कटते लेकिन हिंदू…

नई दिल्ली: दिवाली पर पटाखा बैन को लेकर चल रहे विवाद पर बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि ये देश का दुर्भाग्य है कि जब भी हिंदू त्योहार आते हैं तो उनके दौरान साजिशें रची जाती हैं.होली-दिवाली पर ज्ञान दिया जाता है, बकरीद पर सवाल […]

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पटाखा बैन पर भड़के धीरेंद्र शास्त्री, बोले- बकरीद में लाखों बकरे कटते लेकिन हिंदू…

Shikha Pandey

  • October 30, 2024 10:03 am Asia/KolkataIST, Updated 3 weeks ago

नई दिल्ली: दिवाली पर पटाखा बैन को लेकर चल रहे विवाद पर बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि ये देश का दुर्भाग्य है कि जब भी हिंदू त्योहार आते हैं तो उनके दौरान साजिशें रची जाती हैं.होली-दिवाली पर ज्ञान दिया जाता है, बकरीद पर सवाल क्यों नहीं उठाता है कोई 1 जनवरी को हैप्पी न्यू ईयर के नाम पर पटाखे फोड़े जाते हैं. उस समय ज्ञान कहां चला जाता है. हिंदू त्योहारों पर पाखंड बंद होना चाहिए. बागेश्वर बाबा ने आगे कहा कि हम दिवाली अच्छे से मनाएंगे, हमने सुतली बम खरीदा है.

देश का दुर्भाग्य

बागेश्वर बाबा ने आगे कहा, ”यह इस देश का दुर्भाग्य है कि जब भी सनातन हिंदू धर्म के त्योहार आते हैं. कोई न कोई कानून तोड़ने की बात करता है. प्रतिबंध लगाता है. प्रतिबंध की मांग करता है. किसी ने कहा कि दिवाली पर इतने तेल के दीपक जलाने से कितने गरीबों का भला होगा. उन्होंने कहा मैं उनसे कहना चाहता हूं कि इस देश में बकरीद भी मनाई जाती है, इसे रोका जाना चाहिए. बकरीद के दौरान लाखों रुपये के बकरे काटे जाते हैं. उन रुपयों को गरीबों में बांट दें, इससे उन्हें फायदा होगा. साथ ही पशु हिंसा भी होगी. बचे रहें

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री  ने कहा एक सज्जन ने कहा कि पटाखों से प्रदूषण होता है. एक जनवरी को हैप्पी न्यू ईयर के नाम पर पटाखे फोड़े जाते हैं, तो ज्ञान कहां चला जाता है. फिर प्रदूषण नहीं होता, दिवाली आते ही प्रदूषण हो जाता है. होली आते ही पानी बिगड़ जाती है.जब खून-खराबा होता है तो ये लोग बयान नहीं देते, मांग नहीं करते, कानून लाने की बात नहीं करते.

कई राज्यों में पटाखों पर बैन

दिल्ली, हरियाणा पंजाब,और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने पर्यावरण की रक्षा के लिए पटाखों के इस्तेमाल पर  रोक लगाया  हैं. सीमित समय के लिए केवल ‘हरित पटाखों’ की अनुमति है, जो प्रदूषण कम करने में सहायक माने जाते हैं

 

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